चुनाव आयोग की नई गाइडलाइन से नेताओं की बल्ले-बल्ले!
- अब 1000 लोगों के साथ कर सकेंगे रैली और 500 लोगों की हो सकती है इनडोर मीटिंग, 20 लोगों के साथ घर-घर प्रचार की भी छूट
नई दिल्ली। देश में बढ़ते कोरोना मामलों और 5 राज्यों में विस चुनावों के मद्देनजर चुनावी रैलियों और रोड शो पर 31 जनवरी तक प्रतिबंध लगा था। सोमवार को चुनाव आयोग की बैठक हुई, जिसमें इस बैन को 11 फरवरी तक बढ़ाने का फैसला लिया गया है। हालांकि इन प्रतिबंधों के साथ थोड़ी राहत भी दी गई है। यानी प्रतिबंध के साथ-साथ रैली में 1000 लोग शामिल हो सकेंगे।
आज सोमवार को मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव से मुलाकात के बाद रैलियों पर बैन की समीक्षा की। नए नियमों के मुताबिक इनडोर सभाओं में 500 लोगों के बैठने की इजाजत होगी। जबकि प्रत्याशी के साथ डोर टु डोर कैंपेन में 20 लोग जा सकेंगे। इससे पहले कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए चुनाव आयोग ने पांचों राज्यों में 22 जनवरी तक रैलियों और रोड शो पर रोक लगाई थी। हालांकि फिर इसे बढ़ा कर 31 जनवरी कर दिया गया था। बीते 8 जनवरी को चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद 15 जनवरी को आयोग ने बड़ी रैलियों और सभाओं पर प्रतिबंध लगा दिया था। जिसे 22 जनवरी को दोबारा बढ़ाया गया था। अब 31 जनवरी को दोबारा बढ़ाकर इसे 11 फरवरी तक कर दिया गया है, लेकिन इसमें छूट बढ़ा दी गई है।
गौरतलब है कि इन 5 राज्यों में वोटिंग इस तरह होनी है- उत्तर प्रदेश में 7 चरणों में 10 फरवरी से 7 मार्च तक। पंजाब, उत्तराखंड और गोवा में एक साथ 14 फरवरी को वोटिंग होगी। मणिपुर में 27 फरवरी और 3 मार्च को वोट पड़ेंगे। सब जगह नतीजे की एक ही तारीख यानी 10 मार्च को घोषित किए जाएंगे।
हालांकि चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले ही मोदी, अमित शाह और योगी आदित्यनाथ यूपी की हर तीन में से दो विस सीटों पर रैली या रोड-शो कर चुके थे। यह आंकड़ा 68% होता है। यूपी की 403 सीटों में से 275 पर यह तिकड़ी पहुंच बना चुकी थी।