आखिरकार सच हो ही गया हरदा का सपना!
टीएचडीसी के विनिवेश का मामला
सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस कंपनी के विनिवेश की खबरों से किया था साफ इनकार
मुख्यमंत्री ने कहा था कि हरीश रावत को सपना आता है और वह धरने पर बैठ जाते हैं
टीएचडीसी के विनिवेश पर कांग्रेस का प्रदेश व केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने का ऐलान
किशोर उपाध्याय ने कहा, बांध तो नहीं बचा पाये, लेकिन लोक देवताओं को तो बचाना ही होगा
देहरादून। आखिरकार कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत का ‘सपना’ सच हो ही गया। हरदा टीएचडीसी के विनिवेश के विरोध में एक बार टीएचडीसी के ऋषिकेश स्थित मुख्यालय में धरने पर भी बैठ चुके हैं। उस दौरान हरीश रावत ने दावा किया था कि सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत को शायद इस बारे में मोदी सरकार ने जानकारी नहीं दी है कि वह टीएचडीसी को बेचने जा रही है। इस पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने टीएचडीसी कंपनी के विनिवेश से साफ इनकार किया था और तंज कसते हुए कहा था कि हरीश रावत को सपना आता है और वे धरने पर बैठ जाते हैं। अब मोदी सरकार ने हरीश रावत के ‘सपने’ को सच साबित कर दिया है।
उधर टीएचडीसी के विनिवेश को लेकर कांग्रेस ने त्रिवेंद्र और मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने का ऐलान किया है। कांग्रेस प्रवक्ता गरिमा दसौनी ने कहा है कि करोड़ों का मुनाफा कमाने वाली कंपनी को बेचकर उत्तराखंड की जनता को धोखा दिया गया है। प्रदेश के लोगों ने इस बांध को बनाने के लिए पूरे एक शहर की कुर्बानी दी। अगर यह फैसला वापस नहीं लिया गया तो कांग्रेस आंदोलन छेड़ने के लिए मजबूर होगी।
इसके साथ ही टीएचडीसी के विनिवेश के खिलाफ पहले से ही मुखर रहे कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने कहा कि वे मामले में अपने विरोध को मरते दम तक जारी रखेंगे। प्रदेश सरकार इस बात को नहीं समझ पा रही है कि कुछ सालों बाद केंद्र सरकार के इस फैसले से राज्य को भारी नुकसान होगा। 25 साल बाद यह परियोजना पूरी तरह से प्रदेश सरकार के हाथ में होती क्योंकि यह प्रदेश की जमीन पर बनी हुई है।
उन्होंने दावा किया कि अब परियोजना की समस्त संपत्ति की स्वामी एनटीपीसी हो जाएगी। केंद्र सरकार ने अपने विनिवेश के लक्ष्य को पूरा करने के लिए प्रदेश के लोगों के साथ धोखा किया है। वे इसके विरोध में टिहरी जाएंगे और लोगों से कहेंगे कि बांध नहीं बचा पाए तो लोक देवताओं को तो बचाओ। गंगा के पानी पर भी प्रदेश के लोगों का हक नहीं रह पाएगा।
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