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उत्तराखंड : टूरिज्म पर अब ओमीक्रोन वैरिएंट का खौफ
देहरादून। दक्षिण अफ्रीका सहित कई देशों में कहर ढहा रहे कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन का असर अब उत्तराखंड के पर्यटन पर पड़ने लगा है। हालांकि ओमिक्रोन से उत्तराखंड अभी अछूता है, लकिन इसकी आहट से ही राज्य के पर्यटन व्यवसायी खौफजदा हैं। कोविड-19 की दूसरी लहर में खत्म हो चुके होटल के व्यापार ने अब रफ्तार पकड़ी ही थी कि जनता को एक बार फिर ओमिक्रोन का भय सताने लगा है। आलम यह है कि मसूरी में क्रिसमस और नए वर्ष के जश्न के लिए होटल आदि की बुकिंग अचानक धीमी पड़ गई है। पूछताछ भी बेहद कम हो गई है। पहले से कराई गई बुकिंग को रद कराने का सिलसिला भी शुरू हो गया है। पर्यटकों के टूर कैंसिल होने से होटल उद्यमी और टूर ऑपरेटर, ट्रैवल एजेंसी से व्यापारी चिंतित है।
मसूरी, उत्तराखंड का सबसे ज्यादा पसंद किया जाने वाला पर्यटन स्थल है। आमतौर पर यहां वर्षभर पर्यटकों की आवक बनी रहती है। लेकिन दिसंबर में लोग जाड़े की छुट्टियां मनाने निकलते हैं, नए साल के साथ ही क्रिसमस के मौक़े पर होटल औऱ पर्यटन स्थल सैलानियों से गुलजार रहते हैं और पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोगों के लिए यह अच्छा वक़्त होता है। लेकिन बीते साल भी कोरोना की मार पड़ी थी और इस साल भी पर्यटन व्यवसाय पर ओमिक्रोन का ग्रहण लगता नजर आ रहा है। होटल व्यवसायियों का कहना है कि अब तक 15 से 20 प्रतिशत बुकिंग रद हो चुकी हैं। इससे होटल और पर्यटन से जुड़े व्यवसायियों में निराशा का माहौल है। बीता वीकेंड पर्यटन के लिहाज से अच्छा रहा था, लेकिन अब डेली बुकिंग भी प्रभावित हो रही है।
मसूरी होटल एसोसिएशन के महामंत्री संजय अग्रवाल ने बताया कि शहर में होटल, गेस्ट हाउस और लाज की कुल संख्या 350 के करीब है। इनमें आठ हजार कमरे और 25 हजार पर्यटकों के ठहरने की क्षमता है। अब तक क्रिसमस और नए साल के लिए मसूरी के होटलों में 50 प्रतिशत बुकिंग हो चुकी है। लेकिन, देश में ओमिक्रोन की दस्तक के बाद से बुकिंग में गिरावट आई है। बीते चार-पांच दिन में पूछताछ करने वाले पर्यटकों की संख्या भी कम हुई है। कई पर्यटक तो ऐसे भी हैं, जिन्होंने अपनी बुकिंग रद करा दी है।