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उत्तराखंड: बारूद से भरी बोतल फटने से तीन किशोर झुलसे, एक की हालत गंभीर
             
      रामनगर। नैनीताल के रामनगर में बच्चों की नादानी ने उनकी जान खतरे में डाल दी। दिवाली के पटाखों से खेल रहे 3 बच्चे दर्दनाक हादसे में घायल हो गए। उनमें एक बच्चे की हालत गभीर बनी हुई है। घटना के बाद इलाके में पटाखों से डर का माहौल बना हुआ है।
जानकारी के अनुसार, नई बस्ती के कानिया निवासी 11 वर्षीय मोहन रौतेला रविवार देर शाम को गांव के कुछ बच्चे खेल रहे थे। उन्होंने प्लास्टिक की बोतल के भीतर पटाखों का बारूद भरा था। समीप ही बच्चों ने आग जलाई थी। वह बोतल से आग में बारूद डाल रहे थे। इस बीच अचानक बारूद से भरी प्लास्टिक की बोतल फट गई।
जिससे मोहन गंभीर रूप से व मनीष सैनी, भानु सैनी मामूली रूप से घायल हो गए। मोहन के पूरे शरीर व दाएं हाथ में गंभीर जख्म बन गया। आनन फानन में तीनों को अस्पताल लाया गया। मनीष व भानु को उपचार के बाद छुटटी दे दी गई। जबकि मोहन की हालत गंभीर होने पर उसे हल्द्वानी सुशीला तिवारी अस्पताल ले जाया गया। जहां से उसे चिकित्सक ने ऋषिकेश एम्स ले जाने की सलाह दी। उसे लोग उपचार के लिए ऋषिकेश लेकर रवाना हो गए हैं। मोहन के परिवार की आर्थिक स्थिति खराब है। उसके पिता नंदन सिंह मजदूरी कर बच्चों का पालन पोषण करते हैं।
कानिया के पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य हेमंत बिष्ट, सामाजिक कार्यकर्ता सुरेंद्र सिंह घुघत्याल समेत अनेक लोगों ने बच्चे के उपचार के लिए उसकी आर्थिक मदद की अपील भी की है। घुघत्याल ने बताया कि मोहन काे ऋषिकेश भेजने की व्यवस्था कर दी है। मोहन का परिवार निर्धन है।
कोतवाल सुशील कुमार ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है और साथ ही अभिभावकों से अपील की गई है कि वे बच्चों को पटाखों और बारूद जैसी वस्तुओं से दूर रखें। डॉक्टरों और विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि बारूद या पटाखों के अवशेषों से खेलना बेहद जोखिम भरा होता है। अभिभावक अपने बच्चों को इस तरह के प्रयोगों से रोकें और सुरक्षा को प्राथमिकता दें।
                     
                     
                     