धामी कैबिनेट : ऐसे साधे क्षेत्रीय और जातीय संतुलन!
सत्ता की शतरंज
- कुमाऊं के हिस्से में तीन और गढ़वाल के हिस्से पांच मंत्री
- तीन ओहदों पर ब्राह्मण तो ठाकुर समाज के हिस्से में आये दो पद
- दो मंत्री पद दलित समाज के खाते में, प्रेमचंद को मिली तरजीह
देहरादून। आज बुधवार को परेड ग्राउंड में हुए शपथ ग्रहण समारोह में भाजपा ने धामी सरकार की कैबिनेट में क्षेत्रीय और जातीय संतुलन साधने की खास कोशिशें की हैं। इस बार गढ़वाल के हिस्से में पांच और कुमाऊं के हिस्से में मंत्री के तीन पद आए हैं। कैबिनेट में दो ठाकुरों को स्थान मिला तो तीन पद ब्राह्मणों के हिस्से आए हैं। एक महिला समेत दो दलितों को भी धामी कैबिनेट का हिस्सा बनाया गया है।
राज्य गठन के बाद से ही भाजपा और कांग्रेस की सरकारों में जातीय और क्षेत्रीय संतुलन साधने की परंपरा रही है। इस बार की धामी सरकार भी इससे अछूती नहीं रही है। क्षेत्रीय संतुलन की बात करें तो कुमाऊं से तीन और गढ़वाल से पांच मंत्री बनाए गए हैं। गढ़वाल के मैदानी क्षेत्र से ऋषिकेश से विधायक प्रेमचंद अग्रवाल को हरिद्वार के पूर्व मंत्री मदन कौशिक पर तरजीह दी गई है।
जातीय संतुलन के लिये डॉ. धनसिंह रावत और सतपाल महाराज को ठाकुर (राजपूत) समाज से प्रतिनिधित्व दिया गया है। सुबोध उनियाल, गणेश जोशी और सौरभ बहुगुणा ब्राह्मण समाज से आते हैं। चंदनराम दास और रेखा आर्या को कैबिनेट में दलित कोटे से मंत्री बनाया गया है। रेखा को महिलाओं के प्रतिनिधित्व के तौर पर भी देखा जा रहा है।