उत्तराखंड : प्रदेशभर में विभिन्न सड़कें अभी भी ठप
देहरादून। प्रदेश में लगातार हो रही बारिश के कारण भूस्खलन और भूधंसाव से पांच नेशनल हाईवे समेत कुल 219 सड़कें बंद रहीं। टिहरी जिला प्रशासन ने ऋषिकेश-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग 58 को तपोवन से मलेथा तक आवागमन के लिए बंद कर दिया है। पहाड़ियों से लगातार पत्थर और बोल्डर गिरने से पर्वतीय क्षेत्रों की यात्रा खतरनाक बनी हुई है।
रानीपोखरी में मोटरपुल के ढहने के बाद लोक निर्माण विभाग ऋषिकेश की ओर से जाखन नदी के मध्य में मलबे को समतल कर वैकल्पिक मार्ग बनाया जा रहा है। लेकिन जिस प्रकार मौसम करवट बदल रहा है, उससे वैकल्पिक मार्ग के निर्माण में रुकावटें आ सकती हैं। मौसम खराब होने के बाद यह अंदेशा जताया जा रहा है कि यदि तेज बारिश होती है तो वैकल्पिक मार्ग बनने में बाधा उत्पन्न हो सकती है।
ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे पर तोता घाटी के पास आए चट्टानी मलबे को हटाने के बाद जिला प्रशासन टिहरी ने यातायात शुरू करने की अनुमति दे दी है। राजमार्ग पर सिर्फ दिन में ही यातायात की अनुमति मिली है। लोक निर्माण विभाग राष्ट्रीय राजमार्ग खंड यहां सातवें दिन मलबा हटा पाया।
तोताघाटी में 7 दिन की मशक्कत के बाद बुधवार पूर्वाह्न लगभग 11 बजे बोल्डरों व मलबे को हटा दिया गया। पीडब्लूडी के सहायक अभियंता बीएन द्विवेदी ने बताया कि राजमार्ग खोल दिया गया है। डीएम टिहरी इवा श्रीवास्तव ने आदेश जारी करते हुए कहा कि मुनिकी रेती से कीर्तिनगर के बीच सुबह 8 से शाम 5 बजे के बीच ही यातायात संचालित होगा। पीडब्लूडी को संवेदनशील स्थानों पर मशीन और सुरक्षा सामग्री समेत श्रमिक तैनात करने के निर्देश दिए हैं।
प्रदेश में लगातार हो रही बारिश को देखते हुए शासन ने पुलों का सेफ्टी सर्वे कराने का आदेश जारी कर दिया है। इसके तहत प्रमुख सचिव लोनिवि आरके सुधांशु की ओर से प्रमुख अभियंता को पुलों के सेफ्टी सर्वे के आदेश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि इसके लिए जिला स्तर पर सर्किल कार्यालयों को अपने-अपने सर्किल में पुलों की स्थिति का आकलन कर रिपोर्ट देने को कहा गया है। यदि किसी पुल में काम कराए जाने की जरूरत है तो रिपोर्ट मिलने के बाद उसे दुरुस्त करने की कार्यवाही की जाएगी। राज्य में कुल पुलों की संख्या 1321 है, इनमें से 664 पुल बी कैटेगरी के हैं।