चारधाम देवस्थानम बोर्ड: मंत्री के घर पर शीर्षासन कर तीर्थपुरोहितों ने दर्ज कराया विरोध
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के आश्वासन के बाद भी देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड भंग करने की मांग को चारधाम तीर्थ पुरोहित हकहकूकधारी महापंचायत ने एक बार फिर से मुट्ठी तान ली हैं। महापंचायत ने देवस्थानम बोर्ड के विरोध में आंदोलन का एलान कर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। जिसके चलते आज चारधाम तीर्थ पुरोहित हक हकूकधारी महापंचायत राजधानी दून में सभी कैबिनेट मंत्रियों के आवास का घेराव कर रही है। इसी कड़ी में तीर्थ पुरोहितो ने कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल के आवास के बाहर धरना देते हुए शीर्षासन करते हुए अपना विरोध दर्ज कराया है। तीर्थ पुरोहितों ने कहा कि सरकार अपने तय वायदे को भूल रही है। देवस्थानम बोर्ड की व्यवस्था को सरकार वापस करे।
इतनी ही नहीं तीर्थपुरोहितों ने अपने आंदोलन को तेज करते हुए 27 नवंबर को बोर्ड गठन के दो साल पूरे होने पर काला दिवस मनाते हुए गांधी पार्क से सचिवालय तक आक्रोश रैली निकाली जाएगी। और आंदोलन के आगे की रणनीति पर निर्णय लिया जाएगा। इसके अलावा एक दिसंबर से चारों धामों के पूजा स्थल के साथ ही देहरादून में क्रमिक अनशन किया जाएगा।
गौरतलब हो कि साल 2020 में उत्तराखंड सरकार ने देवस्थानम बोर्ड का गठन किया। उस समय भी तीर्थ पुरोहित, हकहकूकधारियों ने सरकार के फैसले का कड़ा विरोध किया। केदारनाथ और बदरीनाध धाम में बोर्ड ने कार्यालय खोल दिए, लेकिन गंगोत्री में तीर्थ पुरोहितों के निरंतर विरोध के चलते कार्यालय तक नहीं खोला जा सका। वहीं, दो साल बीत जाने के बावजूद भी चारधाम देवस्थानम को भंग करने की मांग को लेकर तीर्थपुरोहितों का आंदोलन जारी है। हालांकि मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने इस मामले में उच्चस्तरीय समिति गठित की। जिसमें चारधामों से नौ तीर्थपुरोहितों, हक हकूकधारियों, विद्वतजनों और जानकारों को नामित किया गया है। लेकिन बोर्ड भंग करने की मांग पर अडिग तीर्थपुरोहित इस पर कोई कार्रवाई न होने से नाराज हैं और आंदोलन को तेज करने का फैसला लिया है। महापंचायत का आरोप है कि सरकार कार्रवाई के बजाय सिर्फ आश्वासन दे रही है। जिस कारण तीर्थ पुरोहितों में आक्रोश है।