उत्तराखंड : रक्षा मंत्री आज रखेंगे ‘सैन्यधाम’ की नीव, जनरल रावत के नाम से होगा धाम का मुख्य द्वार

 उत्तराखंड : रक्षा मंत्री आज रखेंगे ‘सैन्यधाम’ की नीव, जनरल रावत के नाम से होगा धाम का मुख्य द्वार

देहरादून। उत्तराखंड के अमर वीर शहीदों की शौर्य गाथा अब हर कोई जान सकेगा। इसके लिए उत्तराखंड में पांचवें धाम के रूप में सैन्यधाम बनाया जा रहा है। आज बुधवार को सैन्य धाम का शिलान्यास रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा किया जाएगा। इस दौरान 15 नवंबर से शुरू हुई शहीद सम्मान यात्रा का भी आज भव्य समापन होगा। शहीद सम्मान यात्रा बीते एक माह से प्रदेश के सभी जिलों से होकर गुजरी है, जिसमें सैन्यधाम के लिए 1734 शहीदों के आंगन की मिट्टी को लाया गया है। जिससे अमर जवान ज्योति का निर्माण किया जाएगा। वहीं, सैन्यधाम के मुख्य द्वार सीडीएस स्व. जनरल बिपिन रावत के नाम पर होगा।
पांचवां धाम सैन्यधाम के भूमि पूजन व शिलान्यास के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज देहरादून पहुंच रहे हैं। इस दौरान राजनाथ जनसभा को भी संबोधित करेंगे। साथ ही कार्यक्रम में 204 शहीदों के स्वजन व वीर नारियों को सम्मानित करेंगे। कार्यक्रम में केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट व मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी उपस्थित रहेंगे। बता दें कि देहरादून के गुनियाल गांव में भव्य सैन्यधाम बनाया जा रहा है। करीब 50 बीघा जमीन में बनने वाले सैन्य धाम पर 63 करोड रूपये की लागत आएगी। सैन्य धाम को दो साल की अवधि में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। पांचवे धाम में लोग उत्तराखंड के अमर वीर शहीदों की शौर्य गाथा को जान सकेंगे इसके लिए सैन्य धाम में प्रथम विश्व युद्ध से लेकर अब तक शहीद हुए उत्तराखंड के वीर जवानों के चित्र विवरण के साथ लगाए जाएंगे। सैन्य धाम में अमर जवान ज्योति के साथ ही बाबा जसवंत सिंह और हरभजन सिंह के दो मंदिर भी होंगे। इसके अलावा धाम में लाइट एंड साउंड सिस्टम, म्यूजियम, थियेटर, जहाज, गन, टैंक प्रमुख आकर्षण का केंद्र होंगे। बता दें कि उक्त सभी साजो सामान देहरादून पहुंच गया गया है।
सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने बताया कि सैन्यधाम के लिए रास्ते के मामले को सुलझा लिया गया है। करीब चार सौ मीटर तक अन्य लोगों को भी रास्ते पर अधिकार दिया जाएगा। जबकि इसके आगे का रास्ता सैन्यधाम का निजी रास्ता होगा। मंत्री ने कहा कि रास्ते में अन्य लोगों की साढ़े आठ बीघा जमीन आ रही है। इसके बदले उन्हें दूसरी जगह जमीन दी जाएगी। इसके लिए उन लोगों की सहमति ले ली गई है।

Khabri Bhula

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