नहीं रहे उत्तराखंड भाजपा के वरिष्ठ नेता हरबंस कपूर, भाजपा समेत कांग्रेसियों ने दी श्रद्धांजलि

 नहीं रहे उत्तराखंड भाजपा के वरिष्ठ नेता हरबंस कपूर, भाजपा समेत कांग्रेसियों ने दी श्रद्धांजलि

देहरादून। उत्तराखंड भाजपा के वरिष्ठ नेता और देहरादून के कैंट क्षेत्र से भाजपा विधायक हरबंस कपूर का आकस्मिक निधन हो गया है। मृत्यु का कारण हार्ट अटैक बताया जा रहा है। हरबंस कपूर के निधन से पार्टी और उनके क्षेत्र के लोगों में भी शोक की लहर है। बता दें कि विधायक हरबंस कपूर अभी 75 वर्ष के थे और पूरी तरह स्वस्थ थे। वे पार्टी की तमाम बैठक और अन्य गतिविधियों में भी सक्रिय थे। रविवार को भी उन्होंने विभिन्न बैठकों में प्रतिभाग किया। रात को वे भोजन करने के बाद अपने इंदिरा नगर स्थित आवास पर सो गए थे। सुबह जब उन्हें चाय पीने के लिए उठाया गया तो वे नहीं उठे। हरबंस कपूर के निधन पर राजनेताओं ने उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी हरबंस कपूर के देहरादून स्थित आवास पर पहुंचे और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने उनके निधन पर दुख व्यक्त किया और भगवान से उनकी आत्मा की शांति की प्रार्थना की। उन्होंने भगवान से परिवारजनों को इस दुख की घड़ी में धैर्य प्रदान करने की प्रार्थना भी की।
बता दें कि हरबंस कपूर लगातार आठ बार विधायक चुने गए थे। उन्होंने उत्तराखंड विधानसभा के अध्यक्ष पद का भार भी संभाला था। हरबंस कपूर भाजपा के बेहद सहज और शालीन नेता थे। जनता की समस्याओं को लेकर वह हमेशा सजग रहते थे। उनकी जनता में अच्छी पकड़ थी। विधायक की मौत की खबर मिलते ही पार्टी के नेताओं के साथ ही समर्थकों का उनके आवास पर पहुंचना शुरू हो गया है। उनके पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए आज दोपहर दो बजे प्रदेश कार्यालय में लाया जाएगा। अंतिम यात्रा उनके आवास से अनुराग चौक, बल्लूपुर चौक, घंटाघर, बुद्धाचौक, ईसी रोड, बलबीर रोड, प्रदेश कार्यालय, फव्वारा चौक, आराघर चौक, प्रिंस चौक से होते हुए लक्खीबाग पहुंचेंगे। जहां तीन बजे उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
राजनीति का एक वट वृक्ष थे हरबंस कपूर: किशोर उपाध्याय
पूर्व कांग्रेस विधायक किशोर उपाध्याय ने कहा कि हरबंस कपूर के निधन से उत्तराखंड की राजनीति का एक वट वृक्ष जैसा व्यक्तित्व हमारे बीच नहीं रहा। एक दशक उनके साथ काम करने का अवसर मिला। विधान सभा अध्यक्ष के रूप में उनका मार्गदर्शन और संयम अनुकरणीय और उदाहरणीय था। 2007-12 की विधान सभा सम्भवतः सबसे अधिक आंदोलित विधान सभा थी। मैं तो विधानसभा के भीतर उपवास पर भी रहा, लेकिन उन्होंने सदैव कोशिश की कि हम समाधान व सुलह का रास्ता निकालें। हरबंस जी का जाना राजनीतिक सज्जनता का अवसान सा लगता है। मैं उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि देता हूं। वहीं कांग्रेस ने हरबंस कपूर के निधन पर शोक व्यक्त कर उन्हें श्रद्धांजलि दी और सोमवार को आयोजित होने वाली अपनी रैली स्थगित कर दी।

Khabri Bhula

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