उत्तराखंड निवेश उत्सव में गृहमंत्री अमित शाह होंगे मुख्य अतिथि
UCC लागू करने वाला देश का पहला राज्य बना उत्तराखंड, ये आएंगे बदलाव..

देहरादून। उत्तराखंड में आज समान नागरिक संहिता (UCC) लागू हो गया है। आज मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्य सेवक सदन में यूसीसी के पोर्टल और नियमावली का लोकार्पण किया। इसी के साथ समान नागरिक संहिता लागू करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन गया। खास बात ये है कि अब उत्तराखंड में लिव-इन-रिलेशनशिप में रहने वाले कपल्स को भी रजिस्ट्रेशन करवाना होगा।
यूनिफॉर्म सिविल कोड एक देश एक नियम के तहत काम करता है। इसके तहत सभी धर्म के नागरिकों के लिए विवाह, तलाक, गोद लेना, विरासत और उत्तराधिकार जैसे कानूनों को एक कॉमन कानून के तहत नियंत्रित करने की बात कही गई है। फिर चाहे वो व्यक्ति किसी भी धर्म का क्यों न हो। मौजूदा समय में अलग-अलग धर्मों में इन्हें लेकर अलग-अलग राय और कानून हैं।
धामी कैबिनेट ने 20 जनवरी को UCC नियामवली पर लगाई थी मुहर
बता दें यूसीसी के लिए मुख्यमंत्री धामी ने 27 मई 2022 को विशेषज्ञ समिति का गठन किया था। समिति ने अपनी रिपोर्ट 2 फरवरी 2024 को सरकार को सौंप दी थी। जिसके बाद 8 मार्च 2024 को विधानसभा में विधेयक पारित किया गया। विधानसभा से विधेयक पारित होने के बाद इसे राष्ट्रपति के अनुमोदन के लिए भेजा गया। 12 मार्च 2024 को इसे राष्ट्रपति मुर्मू ने हरी झंडी दिखाई। 20 जनवरी को यूसीसी की नियामवली को धामी कैबिनेट से मंजूरी मिली।
क्या होता है Uniform Civil Code
यूनिफॉर्म सिविल कोड एक देश एक नियम के तहत काम करता है। इसके तहत सभी धर्म के नागरिकों के लिए विवाह, तलाक, गोद लेना, विरासत और उत्तराधिकार जैसे कानूनों को एक कॉमन कानून के तहत नियंत्रित करने की बात कही गई है। फिर चाहे वो व्यक्ति किसी भी धर्म का क्यों न हो। मौजूदा समय में अलग-अलग धर्मों में इन्हें लेकर अलग-अलग राय और कानून हैं।
क्यों महसूस की गई UCC की जरूरत
कानून सबके लिए एक समान है। शादी, तलाक, उत्तराधिकार, विरासत और लैंगिक समानता के लिए यूसीसी की जरूरत पूरे देश में महसूस की गई। इसके तहत शादी, तलाक, बच्चा गोद लेने और सम्पत्ति बंटवारे जैसे मामलों में सभी नागरिकों के लिए एक जैसे नियम ही होंगे।
यूनिफार्म सिविल कोड लागू होने से बहुविवाह पर रोक लगेगी. इसके साथ ही लड़कियों की शादी की उम्र बढ़ाई जाएगी ताकि वो विवाह से पहले ग्रेजुएट हो सकें. सबसे अहम बात ये है कि लिवइन रिलेशनशिप का डिक्लेरेशन जरूरी होगा.
इसकी जानकारी माता-पिता को जरूर दी जाएगी. इसके तहत शादी का पंजीकरण कराना जरूरी होगा। बगैर रजिस्ट्रेशन किसी भी सरकारी सुविधा का लाभ दम्पति को नहीं मिलेगा।
कैसे आया था UCC
यूनिफॉर्म सिविल कोड सबसे पहले ब्रिटिश सरकार के समय आया था जब ब्रिटिश सरकार ने सबूत, अपराध और अनुबंधों से संबंधित एक रिपोर्ट पेश की। इस रिपोर्ट में भारत की संहिताकरण की एकरूपता को लेकर जोर दिया गया। रिपोर्ट में ये भी कहा गया था कि हिंदू और मुस्लिम के व्यक्तिगत कानून संहिताकरण से बाहर रहे।
दुनिया के इन देशों में लागू है UCC
UCC को लेकर देश में चर्चाएं हो रही हैं। जल्द ही उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू होने जा रहा है। ऐसा होने से उत्तराखंड देश का ऐसा पहला राज्य बन जाएगा जहां पर यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू किया गया है।
जहां एक ओर देश में यूसीसी लाने की बात की जा रही है तो वहीं दुनिया के कई ऐसे देश हैं जो इसे काफी समय पहले ही लागू कर चुके हैं। इन देशों में विकसित और आधुनिक देश भी शामिल हैं।
यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने वाले देशों की लंबी लिस्ट है। इस लिस्ट में अमेरिका, आयरलैंड, बांग्लादेश, मलेशिया, तुर्किये, इंडोनेशिया, सूडान, मिस्र, जैसे कई देश शामिल हैं।
UCC की यात्रा
27 मई 2022 – यूसीसी पर विशेषज्ञ समिति का गठन
2 फरवरी 2024 – यूसीसी पर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत
8 फरवरी 2024 – राज्य विधानसभा द्वारा अधिनियम अनुमोदित
8 मार्च 2024 – भारत के राष्ट्रपति द्वारा अधिनियम अनुमोदित
12 मार्च 2024 – यूसीसी उत्तराखंड अधिनियम 2024 जारी
18 अक्टूबर 2024 – यूसीसी नियमावली प्रस्तुत
27 जनवरी 2025 – यूसीसी लागू
UCC का दायरा
अनुसूचित जनजातियों को छोड़कर, सम्पूर्ण उत्तराखंड राज्य, साथ ही राज्य से बाहर रहने वाले उत्तराखंड के निवासियों पर लागू होगा यूसीसी।
UCC लागू होने के बाद ये होंगे बदलाव
पुरुष की न्यूनतम आयु 21 वर्ष और महिला की 18 वर्ष।
दोनों पक्ष मानसिक रूप से स्वस्थ और विवाह की अनुमति देने में सक्षम हों।
दोनों में से किसी के पास जीवित जीवनसाथी न हो।
निषिद्ध संबंधों (prohibited relationships) के दायरे में न आते हों, अमान्य होंगी।
बहुविवाह, बहुपतित्व, हलाला, इद्दत और तीन तलाक जैसी परंपराएँ अमान्य होंगी।
विवाह पंजीकरण अनिवार्य होगा।
27 मार्च 2010 के बाद हुए विवाहों का पंजीकरण पहले से किया गया हो, तो सिर्फ सूचना देना पर्याप्त होगा।
विवाह पंजीकरण के लिए ऑनलाइन और कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) के माध्यम से आवेदन की सुविधा।
सब-रजिस्ट्रार को आवेदन के 15 दिनों के भीतर निर्णय करना होगा।