उत्तराखंड : 400 प्राइमरी स्कूल भवन जर्जर तो 1500 स्कूलों में पेयजल नहीं!
ये है शिक्षा का हाल
- अब प्रदेश में नए सत्र से 1802 प्राथमिक और 298 जूनियर हाईस्कूलों को उत्कृष्ट बनाने की तैयारी
- अभी तक 816 स्कूलों में बिजली नहीं और इंटर के बच्चों के लिए भी पर्याप्त फर्नीचर तक नहीं
देहरादून। उत्तराखंड में कई प्राथमिक, जूनियर हाईस्कूल और इंटर कॉलेजों में बच्चों के बैठने के लिए न तो फर्नीचर है और न ही पेयजल की पर्याप्त व्यवस्था। प्राथमिक विद्यालयों में से 400 से अधिक स्कूल भवन जर्जर हैं। 816 स्कूलों में बिजली तो 1500 से अधिक स्कूलों में पेयजल नहीं है। हैरानी की बात यह है कि माध्यमिक के बच्चों के लिए भी पर्याप्त फर्नीचर तक नहीं है।
अब नए शिक्षा सत्र से 1802 प्राथमिक और 298 जूनियर हाईस्कूल उत्कृष्ट बनाने की कवायद शुरू हो गयी है। शिक्षा निदेशालय की ओर से इसके लिए प्लान तैयार किया गया है। शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी के मुताबिक इन स्कूलों में शिक्षक एवं कंप्यूटर सहित हर तरह की जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। इंटर के 198 स्कूलों को विभाग की ओर से अटल उत्कृष्ट स्कूल बनाए जाने के बाद अब नए शिक्षा सत्र से प्राथमिक और जूनियर हाईस्कूलों को भी उत्कृष्ट स्कूल बनाया जाएगा। इसके लिए पांच किलोमीटर की परिधि में आने वाले एक स्कूल को उत्कृष्ट स्कूल बनाया जाएगा। पहले चरण में इन स्कूलों को उत्कृष्ट स्कूल बनाए जाने के बाद अगले चरण में कुछ अन्य प्राथमिक और जूनियर हाईस्कूलों उत्कृष्ट स्कूल बनाए जाएंगे।
उनके मुताबिक हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर जिले में कुछ ऐसे प्राथमिक और जूनियर हाईस्कूल हैं, जिनमें छात्र संख्या दो से तीन हजार है। इन स्कूलों को भी उत्कृष्ट स्कूल बनाकर इनमें अतिरिक्त कक्षा कक्ष, भूमि उपलब्ध कराई जाएगी। प्रदेश में उत्कृष्ट प्राथमिक और जूनियर हाईस्कूलों में बच्चों के आने जाने के लिए परिवहन सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी या फिर छात्र-छात्राओं को यात्रा भत्ता दिया जाएगा।
शिक्षा निदेशक बेसिक शिक्षा वंदना गर्ब्याल ने बताया कि प्रदेश में प्राथमिक और जूनियर हाईस्कूलों को उत्कृष्ट स्कूल बनाया जा रहा है। शिक्षा विभाग की ओर से इसके लिए कार्ययोजना तैयार कर ली गई है। पहले चरण में इन स्कूलों के बच्चों को सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।