हिजाब मामले पर तुरंत सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट ने किया इनकार!
नई दिल्ली। कर्नाटक के स्कूलों एवं कॉलेजों में हिजाब पहनने की मांग करने वालों को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है। शीर्ष अदालत ने इस मामले की तत्काल सुनवाई करने से इनकार कर दिया है। इसके साथ ही शीर्ष कोर्ट ने जल्दी सुनवाई का आग्रह करने वाले वरिष्ठ वकील देवदत्त कामथ से कहा कि वह केस को संवेदनशील न बनाएं। चीफ जस्टिस ने कहा कि आप लोग इस विषय को सनसनीखेज ना बनाएं। बता दें कि इस विषय पर सुनवाई कब होगी उस संबंध में अदालत की तरफ से कोई खास तारीख भी मुकर्रर नहीं की गई है। कर्नाटक हाईकोर्ट के आदेश को छात्राओं ने शीर्ष कोर्ट में चुनौती दी है। इस पर गुरुवार को मेंशनिंग के दौरान छात्राओं के वकील कामथ ने सीजेआई एनवी रमण से कहा कि यह मामला अर्जेंट हैं, क्योंकि विद्यार्थी परीक्षा नहीं दे पाएंगे और उनका साल खराब हो जाएगा। इस पर जस्टिस रमण ने कहा कि इस मामले का परीक्षाओं से कोई लेना-देना नहीं है, मामले को संवेदनशील न बनाएं। कर्नाटक हाईकोर्ट ने कहा था कि हमारे देश के संविधान के निर्माता ने करीब 50 साल पहले परदा प्रथा को लेकर जो कहा था वही हिजाब, नकाब पर भी लागू हो सकता है। इस तरह की प्रथाएं किसी भी तबके के महिलाएं खासकर के मुस्लिम महिलाओं की तरक्की में बाधक है। साथ ही इस तरह की प्रथाएं हमारे संविधान द्वार धर्मनिरपेक्षता और जनभागीदारी के समान अवसरों की मूल भावना के खिलाफ है। कोर्ट ने ये भी स्पष्ट किया कि क्लासरूम में हिजाब न पहनकर आने का आदेश कहीं से भी लड़कियों की स्वतंत्रता और उनकी मर्जी के कपड़े पहनने की आजादी के खिलाफ नहीं है। क्लासरूम के बाहर वो अपनी मर्जी के कपड़े पहन सकती हैं। गौरतलब है कि हिजाब विवाद पर फैसला देने वाले हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रितु राज अवस्थी समेत तीन न्यायाधीशों को वाई कैटिगरी सुरक्षा प्रदान की गई है।