चुनाव तो निपटे, अब महंगाई निपटाएगी जनाब!

 चुनाव तो निपटे, अब महंगाई निपटाएगी जनाब!
  • पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बड़ा इजाफा तय और मुफ्त का राशन भी होगा बंद

नई दिल्ली। उत्तराखंड, मणिपुर, यूपी, पंजाब, गोवा सहित 5 राज्यों में दो दिन बाद यानी 10 मार्च को विस चुनावों के नतीजे घोषित होंगे। इसके बाद सियासी समीकरण बदले न बदले, लेकिन आम आदमी की मुसीबतें बढ़ने जा रही हैं।
चुनाव नतीजे आने के बाद कई बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे। मसलन महंगाई बढ़ सकती हैं। पेट्रोल-डीजल का हमारी जेब पर बोझ बढ़ा सकता है। रसोई से लेकर बुनियादी जरूरत की चीजों के दामों में बढ़ोतरी हो सकती है। कई योजनाओं पर रोक लग सकती है।
पेट्रोल-डीजल की कीमतों में आएगा उछाल : रूस के यूक्रेन पर आक्रमण की वजह से ग्लोबल मार्केट में क्रूड ऑयल की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। इसके बावजूद 5 राज्यों में विधानसभा चुनावों की वजह से भारतीय बाजार में पेट्रोल और डीजल के दाम में कोई बदलाव नहीं हुआ, लेकिन अब चुनाव निपटने के बाद इनकी कीमतों में तेजी से उछाल देखने को मिलेगा।
गौरतलब है कि पिछले साल नवंबर की शुरुआत में जब पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी पर रोक लगी थी, तब क्रूड ऑयल की प्राइस 81.5 डॉलर प्रति बैरल थी, जो अब 130 डॉलर प्रति बैरल के आंकड़े को पार कर गई है।
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने एक रिपोर्ट में कहा है कि ग्लोबल मार्केट में क्रूड ऑयल की कीमतें बढ़ने से खुदरा तेल बेचने वाली कंपनियां परेशान हैं। अपने नुकसान की भरपाई के लिए उन्हें 16 मार्च 2022 या उससे पहले पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कम से कम 12.1 रुपए प्रति लीटर की बढ़ोतरी करनी होगी। इसमें अगर तेल कंपनियों के मार्जिन को जोड़ लें तो 15.1 रुपए प्रति लीटर तक कीमतें बढ़ सकती हैं।
24 फरवरी को यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के तुरंत बाद दुनियाभर के शेयर बाजार धराशायी हो गए थे, सोने की कीमतें बढ़ गई और क्रूड ऑयल रिकॉर्ड लेवल पर पहुंच गया। युद्ध वाले दिन क्रूड करीब 100 डॉलर पर कारोबार कर रहा था, जो अब 130 तक पहुंच चुका है। यानी 13 दिनों में ही कच्चा तेल 30% महंगा हो गया है। वहीं दिसंबर 2021 में क्रूड का औसत मूल्य 73 डॉलर के करीब था।
रेटिंग एजेंसी इक्रा के वाइस प्रेसिडेंट और को-ग्रुप हेड प्रशांत वशिष्ठ के मुताबिक कच्चा तेल 1 डॉलर प्रति बैरल महंगा होने पर देश में पेट्रोल-डीजल के दाम औसतन 55-60 पैसे प्रति लीटर बढ़ जाते हैं। हाल के चुनावों में भी ऐसा ट्रेंड देखने को मिला है। 2020 में बिहार चुनाव के दौरान क्रूड ऑयल की कीमतें बढ़ी, लेकिन पेट्रोल-डीजल के दाम नहीं बढ़े, लेकिन जैसे ही चुनाव खत्म हुआ, 28 दिनों में 15 बार कीमतें बढ़ गईं। इसी तरह पश्चिम बंगाल में भी हुआ। चुनाव बाद अगले 75 दिनों में 41 बार पेट्रोल डीजल के दामो में बढ़ोतरी हुई।
घरेलू गैस सिलेंडर के दाम में प्रति किलो बढ़ेंगे 15 रुपए : क्रूड ऑयल की कीमतों में उछाल के बाद तेल कंपनियां रसोई गैस की कीमतों में बढ़ोतरी कर सकती हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आने वाले दिनों में 15 रुपए प्रति किलो तक रसोई गैस की कीमतें बढ़ सकती हैं। हाल ही में तेल कंपनियों ने कमर्शियल गैस सिलेंडर की कीमतों में 105 रुपए का इजाफा किया गया है।
बंद हो जाएगा मुफ्त का राशन मिलना : कोरोना के दौरान मार्च 2020 में सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना की शुरुआत की थी। इस योजना के तहत हर परिवार को प्रति व्यक्ति 5 किलो अनाज मुफ्त दिया जाता है। मोदी सरकार का दावा है कि वो देश के 80 करोड़ लोगों को हर महीने मुफ्त राशन दे रही है। इस योजना की मियाद मार्च में खत्म हो रही है। सरकार कई बार इसकी तारीख बढ़ा चुकी है, लेकिन अब चुनाव खत्म हो गए तो माना जा रहा है कि इस योजना को आगे नहीं बढ़ाया जाएगा। यानी गरीब परिवारों को मुफ्त राशन मिलना बंद हो सकता है।
अब बकाया बिजली बिल देने को हो जाएं तैयार : कोरोना के दौरान बकाया बिजली बिलों की वसूली पर रोक थी, लेकिन पिछले कुछ दिनों से कई राज्यों में वसूली की प्रक्रिया शुरू हो गई है। बिजली विभाग की टीमें लगातार कार्रवाई कर रही हैं। चुनाव के चलते जिन राज्यों में बिजली बिलों की वसूली होल्ड पर थी, अब उन राज्यों में भी लोगों को बकाया बिजली बिलों का भुगतान करना होगा।

Khabri Bhula

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