नया साल पड़ेगा आप की जेब पर भारी, जानिए क्या-क्या होगा महंगा..

 नया साल पड़ेगा आप की जेब पर भारी, जानिए क्या-क्या होगा महंगा..

नई दिल्ली। आज 2021 को अलविदा करते हुए हम कल 2022 का स्वागत करेंगे। नए साल में सभी कुछ बदलाव की उम्मीद जरूर रखते हैं। नया साल आमजन के लिए कुछ बदलाव तो जरूर ला रहा है लेकिन यह आपके बजट पर भारी पड़ने वाला है। यानी साल 2022 अपने संग महंगाई भी साथ ला रहा है। कल से महंगाई का असर फूड आइटम से लेकर कपड़े, जूते, कार, बाइक आदि सभी की कीमतों पर नजर आने वाला है। वहीं सरकारी अस्पताल में इलाज तो एटीएम से कैश निकासी भी महंगी हो जाएगी। नवंबर में WPI के आंकड़े 10 साल के उच्चतम स्तर पर आने के बाद से महंगाई का असर साल 2022 में भी जारी रह सकता है।
एटीएम से कैश निकालना महंगा होगा… नए साल से ग्राहकों को मुफ्त ATM ट्रांजैक्शन लिमिट को पार करने पर, ज्यादा पैसे का भुगतान करना होगा। यानी की ग्राहकों को मुफ्त ट्रांजैक्शन की मासिक सीमा को पार करने पर 20 रुपये की जगह 21 रुपये प्रति ट्रांजैक्शन का भुगतान करना होगा। अभी एटीएम में एक माह में चार ट्रांजेक्शन की मुफ्त सीमा है।
फूड आइटम होंगे महंगे…
कॉफी से लेकर स्नैक्स तक आपकी रोजमर्रा की खाद्य वस्तुओं की खरीदारी के लिए आपको नए साल में अधिक पैसा चुकाना होगा। नए साल से रोटी, पैकेज्ड खाद्य पदार्थ, पेय पदार्थ समेत कुछ भी सस्ता नहीं होगा। इनकी कीमतों में 5 फीसदी की बढ़ोतरी हो सकती है। कीमतों में बढ़ोतरी का बड़ा कारण महंगी लेबर, माल ढुलाई और महंगा पेट्रोल-डीजल है। इनकी कीमतें बीते एक दशक में सबसे ऊपर चल रही है।फूड केटेगरी में महंगी लागत हार्ड ड्रिंक जैसे शराब, एनर्जी ड्रिंक पर भी होगा जो इंपोर्ट की गई हैं।
महंगी होगी गाड़ियां…
कई वाहन निर्माता बढ़ती लागत के कारण नए साल से गाड़ियों की कीमतों में बढ़ोतरी करने जा रहे हैं। इस गिरती मे हीरो मोटोकॉर्प, कावासाकी और चार पहिया वाहनों में मारुति सुजुकी, टाटा मोटर्स ने इस साल जनवरी में कीमतों में बढ़ोतरी की योजना बनाई है।
सरकारी अस्पताल में इलाज महंगा…
नए साल में बड़ी चोट सरकारी अस्पताल में इलाज कराने वालों पर पड़ रही। मरीजों के पंजीकरण से लेकर भर्ती शुल्क व अन्य प्रकार की जांच के लिए दस फीसद अधिक शुल्क चुकाना पड़ेगा। सरकारी अस्पताल में वर्तमान में ओपीडी पर्चा 28 रुपये में बनता है, लेकिन नए साल के पहले ही दिन यानी शनिवार से पर्चा 31 रुपये में बनेगा। इतनी राहत जरूर रहेगी कि दून मेडिकल कालेज चिकित्सालय एवं अन्य सरकारी मेडिकल कॉलेजों में इलाज महंगा नहीं होगा, लेकिन राजकीय कोरोनेशन चिकित्सालय एवं गांधी शताब्दी अस्पताल समेत अन्य सीएचसी व पीएचसी में इलाज जरूर महंगा हो जाएगा। सरकार के शासनादेश के तहत एक जनवरी से सरकारी अस्पताल में पंजीकरण व अन्य जांच का शुल्क दस फीसद बढ़ाए जाने का प्रविधान है। इसी क्रम में हर साल सरकारी अस्पताल का इलाज महंगा हो रहा है। यह नियम मेडिकल कॉलेज बनने के उपरांत दून अस्पताल पर लागू नहीं होता।
कपड़े और जूते होंगे महंगे…
रेडीमेड गारमेंट और जूते-चप्पल खरीदने पर जीएसटी की दरों में नए साल में वृद्धि हो जाएगा। इससे जूते और कपड़े खरीदने के लिए ग्राहकों को अब ज्यादा रकम खर्च करनी होगी। अब तक 1000 रुपये से कम कीमत के जूते और कपड़ों पर सरकार की ओर से पांच फीसद दर से जीएसटी वसूल किया जा रहा था, लेकिन अब सरकार की ओर से इसे 12 फीसदी कर दिया गया है। आमजन के साथ इसका असर व्यापारियों पर भी पड़ेगा। व्यापारी इसका विरोध कर रहे हैं और शुक्रवार को दून के थोक बाजार में महाबंद आह्वान किया गया है।
ऑनलाइन वाहन बुकिंग महंगी…
नए साल से ओला व उबर जैसी मोबाइल एप से टैक्सी व ऑटो बुक करना भी महंगा हो जाएगा। सरकार ने इनकी बुकिंग में पांच फीसद जीएसटी लगा दिया है। बताया गया कि जीएसटी काउंसिल की बैठक में पिछले दिनों टैक्स को लेकर कई बड़े फैसले किए गए थे। इसमें आनलाइन वाहन बुकिंग एवं ऑनलाइन खाना ऑर्डर करने पर कंपनी या रेस्तरां संचालक के बजाए उस कंपनी से ही टैक्स वसूला जाएगा, जो यह सेवा उपलब्ध करा रही। यानी, ओला, उबर, स्विगी और जोमैटो आदि। इन सभी पर पांच फीसद का जीएसटी लगाया गया है, जो यह ग्राहक से वसूल करेंगी।
ऑनलाइन खाना ऑर्डर करना हो जाएगा महंगा…
कल से छोटे ढाबों से स्विगी या जोमैटो जैसी सेवा से खाना मंगवाना तक महंगा होने जा रहा।  दरअसल फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म द्वारा दी जाने वाली कूपन छूट अब टैक्स के दायरे में आ सकती है। इसे 1 जनवरी 2022 से जीएसटी के दायरे में लाया जाएगा। बता दें कि डिलीवरी ऐप ग्राहकों को डेबिट और क्रेडिट कार्ड से पेमेंट करने पर काफी डिस्काउंट देते हैं। इससे जुड़े लोगों ने कहा कि रेस्टोरेंट और डिलीवरी ऐप के बीच कोई भी व्यवस्था और जिसके परिणामस्वरूप छूट दी जा रही है, उस पर टैक्स की जांच हो सकती है।  1 जनवरी स्विगी या जोमैटो दोनों को ही रेस्टोरेंट माना जाएगा। इसका मतलब यह होगा कि स्विगी या जोमैटो को खाने की कुल कीमत पर 5% टैक्स देना होगा।
कपड़े और जूते होंगे महंगे…
रेडीमेड गारमेंट और जूते-चप्पल खरीदने पर जीएसटी की दरों में नए साल में वृद्धि हो जाएगा। इससे जूते और कपड़े खरीदने के लिए ग्राहकों को अब ज्यादा रकम खर्च करनी होगी। अब तक 1000 रुपये से कम कीमत के जूते और कपड़ों पर सरकार की ओर से पांच फीसद दर से जीएसटी वसूल किया जा रहा था, लेकिन अब सरकार की ओर से इसे 12 फीसदी कर दिया गया है। आमजन के साथ इसका असर व्यापारियों पर भी पड़ेगा। व्यापारी इसका विरोध कर रहे हैं और शुक्रवार को दून के थोक बाजार में महाबंद आह्वान किया गया है।
ये प्रोडक्ट होंगे सस्ते…
हालांकि, नए साल से खाद्य तेल में राहत मिल सकती है। मैन्युफैक्चरर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार खाद्य तेल की दर में 10-15 प्रतिशत की कटौती की है। उम्मीद है कि नया साल अंतरराष्ट्रीय दरों में कमी और बेहतर फसल के साथ राहत लाएगा।

Khabri Bhula

Related post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *