चमोली पुलिस की पहल, गढ़वाली में लिखे यातायात स्लोगन भा रहे हैं आमजन मानस को
चमोली। यातायात पुलिस चमोली द्वारा गढ़वाली बोली में लिखे यातायात स्लोगन भा रहे हैं आमजन मानस को। भाषा यदि भाव से मिले तो मस्तिष्क और ह्रदय में टकराव नही होता, जागरूकता आसानी से ह्रदय में समाहित हो जाती है इन्ही बातों को लेकर अपनी उत्तराखंड की बोली के माध्यम से आमजन को जागरूक कर रही है जनपद चमोली यातायात पुलिस। आजकल जनपद चमोली के भीड़ भरे चौराहों पर” केबे न करि, मठु – मठु चलि, या “अपणु जीवन बचयां, दारू पीके गाड़ी नि चलयां” जैसे अनेक स्लोगन देखे जा सकते है यातायात पुलिस की यह मुहिम आमजनों को खूब भा रही है स्लोगन लिखे बैरियरों को सोशल मीडिया पर भी खूब देखा जा रहा है पहाड़ की संस्कृति से रूबरू बेरियर जहाँ वाहन चालकों को भा रहे हैं वही अपनी बोली में लिखे स्लोगन से संस्कृति का अभिमान भी होता है।
दरअसल तेज गति से वाहनों को चला कर यातायात नियमों की अवहेलना लोगों की आदत में सुमार हो गया है। ऐसे में चमोली में पुलिस ने सुरक्षित जीवन के लिए सड़कों पर तेज गति से वाहन न चलाने, यातायात नियमों का पालन करने और दोपहिया वाहनों को बिना हेलमेट के न चलाने का संदेश ओर आग्रह गढ़वाली भाषा में जारी किया है। जिले की सीमा के सभी चेकिंग प्वाइंट (बेरियर्स) तथा अन्य महत्वपूर्ण स्थानों पर लगे पुलिस के साइन बोर्ड अब लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बने हैं। गढ़वाली भाषा में अपणी सुरक्षा अपणी सतर्कता, जबार गाड़ी चलोणतबरि फोन नि चलोण समेत तमाम अपील लोगों को खूब भा रही है।