दोषी कौन : भिवानी में पहाड़ दरकने से 20-25 लोग दबे, 3 शव निकाले
भिवानी। नव वर्ष के पहले दिन आज शनिवार को जिले के तोशाम एरिया में सुबह 8:30 बजे खनन के दौरान अचानक पहाड़ दरक गया, जिसमें 20 से 25 लोग दब गए। फिलहाल तीन मजदूरों के शव निकाल लिये गए हैं और बाकी दबे 20-25 लोगों की तलाश जारी है।
अचानक पहाड़ दरकने से गिरे सैकड़ों टन वजनी पत्थरों के नीचे कई पोकलेन मशीनें, ट्रक और अन्य वाहन भी दब गए। वहीं पहाड़ का जो हिस्सा गिरा है, उसमें तीन बड़े पत्थर हजारों टन वजन के हैं, जिन्हें हटाने में दिक्कत आ रही है। पुलिस और प्रशासन ने मीडिया के घटनास्थल पर जाने पर पाबंदी लगा दी है।
गौरतलब है कि एनजीटी के आदेश के कारण तोशाम के डाडम एरिया में खनन कार्य पर रोक थी। शुक्रवार को ही यहां रोक हटने के बाद खनन कार्य शुरू हुआ था। शनिवार सुबह 8:30 बजे खनन के दौरान पूरा पहाड़ दर गया और उसके नीचे करीब 20 से ज्यादा लोग नीचे दब गए। साथ ही मौके पर मौजूद ढुलाई के लिए खड़े वाहन और खनन के लिए इस्तेमाल की जा रही मशीनें भी दब गईं। सूचना मिलने के बाद प्रशासन ने राहत और बचाव कार्य शुरू करवाया। तीन लोगों के शव मलबे के नीचे से निकाले जा चुके हैं।
पहाड़ दरकने से गिरे मलबे में कई हजार टन के तीन बड़े-बड़े पत्थर हैं। इन पत्थरों को हटाने के लिए प्रशासन की टीम के पास बड़ी मशीनें नहीं हैं। जो यहां मशीनें उपलब्ध भी हैं उनकी क्षमता इतनी नहीं है कि इन पत्थरों को हटाना तो दूर हिला भी सकें। यदि इन्हें ब्लास्ट कर तोड़ा जाता है तो फिर नीचे दबा व्यक्ति यदि जिंदा भी होगा तो उसके बचने की गुंजाइश भी खत्म हो जाएगी। प्रशासनिक टीम के पास अभी इस समस्या से निपटने का कोई उपाय नहीं है।
घटना की सूचना के बाद प्रशासन ने राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिए हैं। पहाड़ दरकने के बाद गिरे पत्थरों हटाकर लोगों की तलाश शुरू कर दी है। बड़े-बड़े पत्थर गिरने के कारण उन्हें हटाने में दिक्कत आ रही है। पत्थरों को ड्रिल मशीन से काटकर हटाने का प्रयास प्रशासन कर रहा है। दबे व्यक्तियों की संख्या को लेकर अभी कुछ स्पष्ट आंकड़ा सामने नहीं आ पाया है। घटनास्थल से दूर ही आम लोगों को रोका गया है।
तहसीलदार रविंद्र कुमार ने बताया कि पत्थरों के नीचे से तीन शव निकाले जा चुके हैं। मृतक छत्तीसगढ़ और राजस्थान के मजूदर हैं। भिवानी सिविल सर्जन रघुबीर शांडिल्य ने बताया कि हादसे में काफी संख्या में कैजुअल्टी होने की आशंका है। वहीं कृषि मंत्री जेपी दलाल और एसपी अजीत सिंह शेखावत अमले के साथ मौके पर पहुंचे हैं।
खानक-डाडम क्रशर एसोसिएशन चेयरमैन मास्टर सतबीर रतेरा ने बताया कि जिस समय घटना हुई, वहां कोई खनन कार्य नहीं हो रहा था। खनन क्षेत्र दोनों ओर से फॉरेस्ट एरिया से घिरा है। फॉरेस्ट एरिया क्षेत्र से हजारों टन का पहाड़ दरकर खनन क्षेत्र की तरफ आया। इसमें अभी तक पांच वाहनों के दबने की पुष्टि हो पाई है, इनकी संख्या ज्यादा भी हो सकती है।
खनन कार्य प्रदूषण के कारण प्रशासन ने लंबे समय से बंद करवा रखा था। दो दिन पहले ही प्रदूषण विभाग की एनओसी के बाद खनन कार्य के लिए बिजली कनेक्शन जारी हुए थे। लंबे समय से खनन पर रोक लगी थी। इसके विरोध में खनन कार्यो से जुड़े लोग धरना-प्रदर्शन कर रहे थे।
भिवानी के तोशाम क्षेत्र में खानक और डाडम में बड़े स्तर पर पहाड़ खनन कार्य होता है। प्रदूषण के कारण 2 महीने पहले खनन कार्य पर रोक लग गई थी। एनजीटी ने गुरुवार को ही खनन कार्य दोबारा शुरू करने की अनुमति दी। एनजीटी से अनुमति मिलने के बाद शुक्रवार से खनन कार्य शुरू हुआ। दो महीने तक खनन कार्य बंद रहने के कारण भवन निर्माण सामग्री की किल्लत भी महसूस की जा रही थी। इस किल्लत को दूर करने के लिए बड़े स्तर पर ब्लास्ट किए जाने की आशंका भी जताई जा रही हैं।