अमरनाथ यात्रा ,मौसम का ब्रेक! दोनों रास्ते किए गए बंद, जानें श्रद्धालु कब से कर पाएंगे दर्शन

 अमरनाथ यात्रा ,मौसम का ब्रेक! दोनों रास्ते किए गए बंद, जानें श्रद्धालु कब से कर पाएंगे दर्शन

उत्तराखंड: अमरनाथ की पवित्र यात्रा पर निकले श्रद्धालुओं को इस बार कुदरत की मार झेलनी पड़ रही है। लगातार बारिश और भूस्खलन की वजह से अमरनाथ यात्रा को 17 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। ये फैसला प्रशासन ने यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया है।

पिछले 36 घंटों से हो रही मूसलधार बारिश ने यात्रा के दोनों रास्तों पहलगाम और बालटाल को नुकसान पहुंचाया है। ट्रैक जगह-जगह से बह गए हैं, कई हिस्सों में भूस्खलन हुआ है। गांदरबल ज़िले के बालटाल मार्ग पर एक महिला श्रद्धालु की मौत और तीन लोगों के घायल होने की खबर के बाद हालात और गंभीर हो गए।

Amarnath Yatra पर रोक, दोनों रास्ते किए गए बंद

कश्मीर संभागीय आयुक्त विजय कुमार भिदुरी ने कहा है कि मौसम की वजह से पटरियों की मरम्मत जरूरी हो गई है। इसीलिए दोनों रूट्स से यात्रा फिलहाल अस्थायी रूप से रोकी गई है। हालांकि, जो श्रद्धालु फिलहाल पंजतरणी कैंप में रुके हुए हैं, उन्हें बीआरओ और रेस्क्यू टीम की निगरानी में बालटाल पहुंचने की इजाज़त दी गई है।

कल फिर से शुरू हो सकती है यात्रा

बीआरओ (सीमा सड़क संगठन) पूरी ताकत के साथ पटरियों की मरम्मत में जुटा है। मशीनें और मैनपावर तैनात कर दिए गए हैं। अगर मौसम ने साथ दिया, तो 18 जुलाई यानी शुक्रवार को यात्रा दोबारा शुरू हो सकती है।

आगे भी भारी बारिश की चेतावनी

मौसम विभाग ने कश्मीर घाटी और यात्रा रूट्स के लिए दो दिन की भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। इसी के चलते श्रद्धालुओं से अपील की गई है कि वे प्रशासन की एडवाइजरी को फॉलो करें और अनावश्यक जोखिम न लें।

अब तक 2.47 लाख कर चुके हैं दर्शन

इस बार यात्रा की शुरुआत 3 जुलाई से हुई थी और अब तक करीब ढाई लाख श्रद्धालु बाबा बर्फानी के दर्शन कर चुके हैं। जम्मू से 1 लाख से ज्यादा तीर्थयात्रियों ने यात्रा की शुरुआत की है। अब तक 4 लाख से ज्यादा लोगों ने ऑनलाइन पंजीकरण करा लिया है। पिछले साल यह आंकड़ा 5.10 लाख के पार चला गया था। इस बार भी भारी संख्या में श्रद्धालु जुड़ रहे हैं।

इन बातों का रखें ध्यान

यात्रा पर निकले यात्री मौसम को लेकर अपडेट्स जरूर लें।
ट्रैक पूरी तरह सुरक्षित हो, तभी यात्रा शुरू करें।
सोशल मीडिया या अफवाहों की बजाय सिर्फ प्रशासन की सूचना पर भरोसा करें।

Khabri Bhula

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