उत्तराखंड में 28 नवंबर से शुरू होगी आर्मी भर्ती की रैली, इन अभ्यर्थियों को मिलेगा मौका
अग्निपथ : धामी ने पूर्व सैनिकों के साथ किया संवाद
देहरादून। आज सोमवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की पहल पर अग्निपथ योजना के संबंध में पूर्व सैनिकों के साथ विचार विमर्श का संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया।
कार्यक्रम में धामी ने कहा कि उत्तराखंड देवभूमि के साथ ही वीर भूमि और सैन्य भूमि भी है। उत्तराखंड के युवाओं में देशभक्ति की भावना कूट-कूट कर भरी है। हमारा दायित्व है कि हम अपने युवाओं को अग्निपथ योजना के सही तथ्यों के बारे में अवगत कराएं। इसे लेकर युवा भ्रमित न हों। अग्निपथ योजना भी देशहित में लाई गई है। चयनित अग्निवीरों में से 25 प्रतिशत तो नियमित किये ही जाएंगे, बाकी 75 प्रतिशत के लिये भी विभिन्न अर्धसैनिक बलों, राज्यों के पुलिस बलों व अन्य संस्थानों में व्यवस्था की जा रही है। सेना के अनुशासन में प्रशिक्षित अग्निवीर को सभी जगह निश्चित तौर पर प्राथमिकता मिलेगी। सेना से आने पर उसके पास इतनी जमा राशि हो जाएगी कि वह अपना स्वयं का व्यवसाय भी प्रारम्भ कर सकता है। या फिर उच्च स्तरीय अध्ययन भी कर सकता है।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में पलायन की समस्या है। यहां हॉर्टिकल्चर में व्यापक संभावनाएं हैं। राज्य सरकार हॉर्टिकल्चर में अग्निवीरों को प्रोत्साहित करने के लिये योजना की रूपरेखा तैयार करेगी। राज्य पुलिस बलों में प्राथमिकता की बात पहले ही कही जा चुकी है। वह खुद एक सैनिक के पुत्र है। सेना से उनका स्वाभाविक लगाव है। सैनिकों व पूर्व सैनिकों के बीच आकर ऐसा लगता है जैसे अपने अभिभावकों के बीच आ गए हों।
धामी ने कहा कि आज के मंथन से अमृत निकलेगा। जो भी सुझाव प्राप्त हुए हैं, उन्हें संकलित किया जाएगा। राज्य स्तर की बात होने पर अग्निवीरों के हित में राज्य सरकार के स्तर से कार्यवाही की जाएगी जबकि केंद्र स्तर से संबंधित सुझावों को केंद्र सरकार और रक्षा मंत्रालय को प्रेषित किया जाएगा। हमें अपने युवाओं को सही दिशा दिखाने की जरूरत है। उन्हें भ्रमित होने से बचाने के लिये अग्निपथ योजना की सही जानकारी उन तक पहुंचानी है।
कार्यक्रम में प्रत्येक जिले से उपस्थित पूर्व सैनिकों ने अग्निपथ योजना को देशहित में सेना को मजबूत करने वाली महत्वपूर्ण योजना बताया। उन्होंने इस संबंध में अपने सुझाव भी दिये।
कार्यक्रम में सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, डीजीपी अशोक कुमार, मेजर जनरल मोहन लाल असवाल, मेजर जनरल एस सब्बरवाल, विशेष प्रमुख सचिव अभिनव कुमार, सचिव दीपेंद्र चौधरी सहित वर्चुअल माध्यम से सभी जिलाधिकारी, एसएसपी सहित बड़ी संख्या में पूर्व सैनिक मौजूद थे।