उत्तराखंड में मंकीपॉक्स वायरस को लेकर अलर्ट जारी, स्वास्थ्य विभाग ने जारी की एडवाइजरी
देहरादून। कई देशों में तेजी से फैल रहे मंकीपॉक्स संक्रमण को लेकर उत्तराखंड का स्वास्थ्य महकमा भी अलर्ट हो गया हैं। स्वास्थ्य महानिदेशालय ने इस संदर्भ में एडवाइजरी जारी कर दी हैं स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. शैलजा भट्ट ने सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश जारी किए। एडवाइजरी के मुताबिक जिन लोगों को बुखार के साथ-साथ शरीर पर लाल चकत्ते दिखाई दें, उन्हें तुरंत अपने नजदीकी डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
इसके अलावा जिन लोगों ने पिछले 21 दिनों में किसी देश की यात्रा की है, जहां हाल ही में मंकीपॉक्स के मामले पाए गए हैं या इस बीमारी के संदिग्ध मामलों की पहचान की गई है, उन्हें भी डॉक्टर से जांच करवानी चाहिए। इसके साथ ही मंकीपॉक्स से संक्रमित या संदिग्ध व्यक्ति के संपर्क में आने वाले व्यक्ति भी अपनी जांच कराएं।सभी जिलों के सीएमओ को निर्देश दिए हैं कि मंकीपॉक्स के संदिग्ध मरीजों को तब तक चिन्हित अस्पतालों में आइसोलेट किया जाएगा।
जब तक कि संबंधित व्यक्ति के सभी घावों पर त्वचा की नई परत नहीं बन जाती है। इलाज कराने वाले चिकित्सक के आइसोलेशन समाप्त करने का निर्णय लेने पर ही मरीज को अस्पताल से डिस्चार्ज किया जाएगा। मंकीपॉक्स के लक्षण वाले संदिग्ध मरीज आइडीएसपी (एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम) के जिला सर्विलांस अधिकारी की निगरानी में रहेंगे।
मंकीपॉक्स वायरस के कारण होने वाला एक संक्रामक रोग है जो मनुष्यों और कुछ जानवरों में हो सकता है। इसके लक्षण बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, सूजी हुई लिम्फ नोड्स और थकान महसूस करने के साथ शुरू होते हैं। इसके बाद एक चकत्ता होता है जिसके ऊपर फफोले और पपड़ी बनता है। इस बिमारी के लक्षणों का पता लगभग 10 दिनों में चलता है।
हालांकि देश में अभी मंकीपॉक्स का कोई मामला नहीं आया है, लेकिन जिस तरह लगभग 12 देशों में भी इस बीमारी के मामले मिले, जिसमें यूरोप, उत्तरी अमेरिका ऑस्ट्रेलिया और इजराइल शामिल हैं। उसे देखते हुए स्वास्थ्य महकमा सतर्क हो गया है।