मोदी सरकार ने माना : 2020 में इलाज की कमी से मरे 81.16 लाख लोग, इनमें से 45% को नहीं मिला उपचार

 मोदी सरकार ने माना : 2020 में इलाज की कमी से मरे 81.16 लाख लोग, इनमें से 45% को नहीं मिला उपचार

नई दिल्ली। कोरोना के चलते देश में 2020 में हुई कुल मौतों को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने रिपोर्ट जारी की है। सिविल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (सीआरएस) 2020 के नाम से जारी की गई इस रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2020 में देश में कुल 81.16 लाख लोगों की मौत हुई थी। इनमें से 45% लोगों को कोई मेडिकल ट्रीटमेंट नहीं मिला था। इलाज के अभाव में यह अब तक की सबसे अधिक मौतें हैं। साल 2019 में यह आंकड़ा देश भर में हुई मौतों का 34.5% था।
गौरतलब है कि 2020 की शुरुआत में कोरोना की वजह से कई अस्पतालों के 80 से 100% बेड रिजर्व थे। इस वजह से नॉन-कोविड मरीजों को इलाज ही नहीं मिल पाया। मेडिकल सुविधाओं के अभाव में और अस्पतालों में होने वाली मौतों के आंकड़े में यह अंतर नया नहीं है। पिछले 10 साल के अंदर मेडिकल सुविधाओं के अभाव में होने वाली मौतें का आंकड़ा तेजी से बढ़ा है। वहीं मेडिकल संस्थानों में होने वाली मौतें तेजी से घटी हैं।
वर्ष 2011 में मेडिकल सुविधा के अभाव में केवल 10% ही मौतें हुई थी। हालांकि उस दौरान केवल 67% मौतें ही दर्ज की जाती थीं। संस्थानों में होने वाली मौतें उस दौरान बढ़ीं, क्योंकि ये मौतें रजिस्टर में चढ़ाई जाती थीं। जैसे-जैसे मौतें पंजीकृत होने लगीं, वैसे ही मौतों का आंकड़ा बढ़ने लगा। वर्ष 2017 और 2018 में मेडिकल सुविधाओं के अभाव में और मेडिकल फैसिलिटी में होने वाली मौतों का आंकड़ा लगभग बराबर था। ये आंकड़े देश भर में होने वाली कुल मौतों के एक तिहाई थे। बाकी के एक तिहाई मौतें किस वजह से हुई, इसकी जानकारी नहीं दर्ज हो पाई।
वर्ष 2019 में मेडिकल सुविधाओं के अभाव में होने वाली मौतें, मेडिकल संस्थानों में होने वाली मौतों से अधिक थीं। लेकिन कोरोना महामारी की वजह से 2020 में अभाव में होने वाली मौतों में इजाफा हुआ है। ट्रेंड के मुताबिक 2021 में भी यह आंकड़ा और बढ़ेगा, क्योंकि महामारी के दौरान बड़ी आबादी को अस्पतालों की सुविधा नहीं मिल पाई थी।

Khabri Bhula

Related post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *