आरआईएमसी देहरादून में बेटियों को 100 साल बाद मिला हक!

 आरआईएमसी देहरादून में बेटियों को 100 साल बाद मिला हक!
  • अब से 30 साल पहले एक लड़की को मिला था एडमिशन, अब तैयार होगी महिला अफसरों की फौज

देहरादून/नई दिल्ली। सौ साल के इतिहास में पहली बार बेटियां प्रतिष्ठित राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री कॉलेज (आरआईएमसी) देहरादून में दाखिल होंगी। अगले सत्र यानी जुलाई से पांच लड़कियों को यहां दाखिला दिया जाएगा।
गौरतलब है कि देहरादून स्थित आरआईएमसी देश का नामी मिलिट्री ट्रेनिंग स्कूल है। इसमें एक बार में 250 कैडेट को एडमिशन मिलता है। सौ साल में इस मिलिट्री कॉलेज में अब तक केवल एक लड़की को 1992 में दाखिला मिला था। वह लड़की सेना में मेजर बनी थी। इसके बाद अब जाकर यहां लड़कियों को एंट्री मिलने जा रही है। मिलिट्री कॉलेज में कैडेटों को शुरू से ही सेना में महत्वपूर्ण पदों को संभालने की ट्रेनिंग दी जाती है।
आरआईएमसी में अब तक केवल छात्रों को ही दाखिला दिया जाता था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद यहां पांच छात्राओं को भी एडमिशन दिया जाएगा। पांच सीटों के लिए देशभर की पांच सौ से अधिक लड़कियों ने फार्म भरा था। इसका एंट्रेंस एग्जाम पिछले दिनों हुआ था।
आरआईएमसी में 8वीं से 12वीं तक की पढ़ाई होती है। इसके बाद यहां पढ़ने वालों छात्रों को नेशनल डिफेंस एकेडमी (एनडीए) के लिए तैयार किया जाता है। राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री कॉलेज की स्थापना अंग्रेजों ने 1922 में की थी। पहले विश्व युद्ध के बाद अंग्रेजों को बेहतर मिलिट्री ट्रेनिंग की जरूरत महसूस हुई। इसके बाद प्रिंस ऑफ वेल्स ने अपने भारत दौरे में इसकी शुरुआत की थी। आरआईएमसी में 8वीं कक्षा से ही कैडेटों की कठिन ट्रेनिंग शुरू हो जाती है। यहां से निकल कर बड़ी संख्या में कैडेट सेना की महत्वपूर्ण भूमिकाओं में जाते हैं। आरआईएमसी के सैकड़ों कैडेट भारतीय सेना में बड़े अफसर हैं।
इससे पहले 1992 में एक छात्रा को आरआईएमसी में एडमिशन दिया गया था। संस्थान के ही एक फैकल्टी की बेटी स्वर्णिमा थपलियाल को दाखिला मिला था। स्वर्णिमा भारतीय सेना में मेजर के पद तक पहुंचीं, लेकिन फिर इस प्रयोग को दोबारा नहीं किया गया। स्वर्णिमा लंबे समय तक आरआईएमसी की एकमात्र महिला कैडेट बनी रहीं, लेकिन अब यहां हर सत्र में छात्राएं एडमिशन ले पाएंगी। आरआईएमसी में एडमिशन के लिए साल में दो बार ऑल इंडिया लेवल पर एंट्रेंस कराया जाता है।
पिछले कुछ सालों में सेना में महिला जवानों की संख्या तेजी से बढ़ी है। वो पुरुषों के कंधे से कंधा मिलाकर देश की रक्षा कर रही हैं। सेना के कई महत्वपूर्ण पदों पर देश की बेटियां तैनात हैं। राफेल उड़ाने से लेकर राजपथ के परेड का नेतृत्व करने वाली बेटियां भारतीय सेना और देश का गौरव बढ़ा रही हैं। आरआईएमसी में लड़कियों को दाखिला मिलने के बाद इसमें और तेजी आएगी। भारतीय सेना में महिलाएं अब प्रमुख भूमिका निभा रही हैं। वे राफेल से लेकर फाइटर जेट तक उड़ा रही हैं।
सुप्रीम कोर्ट की तरफ से सेना में महिलाओं को स्थायी कमीशन दिए जाने के आदेश के बाद 2021 में लड़कियां पहली बार एनडीए एंट्रेंस में शामिल हुई थीं। पहली बार में ही महिला कैडेट निभा भारती ने फर्स्ट रैंक हासिल किया। इसी तरह 15 अगस्त 2021 को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से घोषणा की थी कि अब सैनिक स्कूलों में लड़कियों को भी एडमिशन दिया जाएगा। 

Khabri Bhula

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