सिस्टम पर सवाल : उत्तराखंड में वन दारोगा भर्ती परीक्षा में हटाये आउट ऑफ सिलेबस 332 प्रश्न, दिये बोनस अंक!
देहरादून। उत्तराखंड में बार बार सिस्टम पर सवाल उठ रहे हैं कि युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ करने के कई मामले सामने आते रहे हैं। लोक सेवा आयोग की लोअर पीसीएस भर्ती प्री परीक्षा में 12 गलत सवालों पर बोनस अंक देने के मामले के बीच अब उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की वन दारोगा भर्ती परीक्षा पर सवाल खड़े हो गए हैं। आयोग ने इस परीक्षा के बाद 332 सवालों को पाठ्यक्रम से बाहर मानते हुए हटा दिया और उनके बदले सभी अभ्यर्थियों को बोनस अंक दे दिए। अब अभ्यर्थी इसके विरोध में उतर आए हैं।
गौरतलब है कि उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने दिसंबर 2019 में वन दारोगा के 316 पदों पर भर्ती के लिए नोटिफिकेशन जारी किया था। इसमें करीब डेढ़ लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। आयोग ने गत वर्ष 16 जुलाई से 25 जुलाई के बीच 18 पालियों में ऑनलाइन लिखित परीक्षा आयोजित की। 18 पालियों के हिसाब से रोजाना 100 सवालों के औसत पर 1800 सवाल सभी अभ्यर्थियों से पूछे गए।
हालांकि आचार संहिता लागू होने से ठीक पहले आयोग ने वन दारोगा भर्ती परीक्षा का परिणाम जारी कर दिया, लेकिन इस पर कई सवाल खड़े हो गए। आयोग ने जो रिजल्ट जारी किया, उसमें 1800 में से 332 सवालों को पाठ्यक्रम से बाहर के प्रश्न मानते हुए मूल्यांकन से हटा दिया। इन प्रश्नों के लिए अभ्यर्थियों को बोनस अंक दे दिए गए। उधर अभ्यर्थियों का कहना है कि जो प्रश्न आयोग ने हटाए हैं, उनमें भी असमानता है।
उनका कहना है कि एक पाली से 27 प्रश्न हटाए गए हैं तो दूसरी पाली से केवल छह प्रश्न हटाए गए हैं। इस पर अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। इस मामले में 10 याचिकाएं दायर हुईं। हाईकोर्ट ने कहा कि सभी अभ्यर्थी एक हफ्ते के भीतर आयोग के सामने अपना पक्ष रखें। इसके बाद आयोग के सचिव को कहा गया है कि आठ हफ्ते के भीतर वह इस मामले में सुनवाई करके उचित फैसला लें। तब तक किसी भी अभ्यर्थी को नियुक्ति प्रदान नहीं की जाएगी।
उधर अभ्यर्थियों का कहना है कि अगर आयोग ने आठ हफ्ते के भीतर इस अनियमितता को दूर कर दोबारा वन दारोगा भर्ती का परिणाम जारी न किया तो वह उग्र आंदोलन करेंगे। इससे पहले उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने लोअर पीसीएस प्री परीक्षा का परिणाम जारी किया था, जिसमें 12 सवालों को गलत, दो विकल्पीय या अन्य कारणों से मूल्यांकन से हटा दिया था। इनकी जगह आयोग ने सभी अभ्यर्थियों को 12 बोनस अंक दे दिए थे। इस फैसले के खिलाफ अभ्यर्थी लगातार विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं।
उधर उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के सचिव संतोष बडोनी ने भी इस बात को स्वीकारते हुए यह बात कही कि 1800 सवाल पूछे गए थे, जिनमें से विशेषज्ञों ने 332 सवालों को आउट ऑफ सिलेबस माना है। हमने उनकी जगह बोनस अंक दिए हैं। अब हाईकोर्ट के आदेश के तहत सभी उम्मीदवारों की शिकायत सुनी जाएगी और इसी आधार पर भर्ती परिणाम पर निर्णय लिया जाएगा। कुल मिलाकर देवभूमि में अफसरशाही युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ करने की कोई कसर नहीं छोड़ रही है। वन दारोगा की भर्ती में 332 सवाल पाठ्यक्रम से बाहर होने की पुष्टि के बाद जिम्मेदार अधिकारी बगलें झांक रहे हैं और वे इस मामले में कुछ भी कहने से बचते फिर रहे हैं।