आयुष्मान योजना : अब तक हर मरीज पर सरकार ने अस्पतालों को दिये साढ़े 14 हजार रुपये!

 आयुष्मान योजना : अब तक हर मरीज पर सरकार ने अस्पतालों को दिये साढ़े 14 हजार रुपये!
  • योजना के 3 साल का आंकड़ों के अनुसार 3.98 लाख लाभार्थियों पर सरकार ने खर्च किये 5.78 अरब रुपये
  • उत्तराखंड में हर व्यक्ति के लिए आयुष्मान योजना के तहत दी जा रही मुफ्त उपचार की सुविधा

देहरादून। बीते 25 दिसंबर को राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण द्वारा संचालित राज्य सरकार की आयुष्मान योजना को तीन साल पूरे हो गए हैं। आंकड़ों से सामने आया है कि आयुष्मान योजना के तहत गुजरे तीन सालों में सरकार ने अब तक हर मरीज पर अस्पतालों को साढ़े 14 हजार रुपये अदा किये हैं।
उल्लेखनीय है कि पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने 25 दिसंबर 2018 को अटल आयुष्मान योजना का शुभारंभ किया था। खास बात यह कि आयुष्मान भारत योजना से इतर राज्य में सबके लिए मुफ्त उपचार की व्यवस्था इस योजना के अंतर्गत रखी गई। मात्र तीन साल की समयावधि में प्रदेश में आयुष्मान योजना ने बेहद रफ्तार पकड़ी है। हर आय वर्ग के लोगों ने इस योजना का लाभ लिया है। 28 दिसंबर तक 3.98 लाख बार मरीज योजना के अंतर्गत सूचीबद्ध अस्पतालों में मुफ्त उपचार ले चुके हैं। जिस पर 5.78 अरब की धनराशि खर्च हो चुकी है। पहाड़ी जनपदों के कई गांव तो अतिदुर्गम हैं जहां सूचनाओं तक का पहुंचना आज भी आसान नहीं हैं, लेकिन प्रदेश में अब शायद ही कोई ऐसा क्षेत्र होगा जहां आयुष्मान योजना का लाभ या जानकारी न पहुंची हो। सोशल मीडिया के जरिए भी योजना के लाभ की जानकारियां सुदूरवर्ती गांवों में बसे बाशिंदों तक भी पहुंची हैं।
योजना का संचालन कर रहे राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण की ओर से भी सूचीबद्ध अस्पतालों की मॉनिटरिंग के साथ ही कार्ड धारकों को समुचित सुविधाएं मुहैया कराने के लिए अपेक्षित प्रयास भी जारी हैं। मुफ्त में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिली तो कार्ड बनाने को लेकर भी लोगों में आकर्षण बढ़ना स्वाभाविक है। एक लाभार्थी अब दूसरे आमजन के लिए प्रेरणा बन रहे हैं। अभी तक प्रदेश में 45.52 लाख कार्ड धारक हैं, और यह आंकड़ा दिनों दिन बढ़ ही रहा है।
लाभार्थियों के फीडबैक से साफ है कि सामान्य जरूरतें तो एडजस्ट की जा सकती हैं लेकिन जब मुसीबत जान पर बन आई हो तो वहां एडजस्टमेंट की गुंजाइश नहीं रहती। आयुष्मान योजना कईयों को मौत के मुहं से बचाया है। खासतौर पर जरूरतमंदों को तो आयुष्मान योजना ने नया जीवन देने का काम किया है। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के मार्गदर्शन में आयोजित आरोग्य मंथन व आरोग्य संवाद कार्यक्रम में लाभार्थियों का उत्साह और आम जन की सहभागिता बेहतर प्रयासों का परिणाम है। राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के चेयरमैन डीके कोटिया व मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरूणेंद्र सिंह चौहान के दिशा निर्देशों पर आयुष्मान योजना एक अपेक्षित रफ्तार के साथ आगे बढ़ रही है। लाभार्थियों की संतुष्टि और योजना की ओर आम जन का झुकाव इस बात को तय करता है कि सही मायनों में जनकल्याण की संकल्पना का जब कभी भी जिक्र होगा तो प्रदेश में चल रही आयुष्मान का योजना का नाम सदा ही शीर्ष पर होगा।

Khabri Bhula

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