…और रो पड़े नाराज हरक, करीबियों से बोले- मुझे भिखारी बना दिया!
देहरादून। कैबिनेट मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत के इस्तीफे की खबर के साथ ही उनके दिल का ‘दर्द’ भी बाहर आया है। उनके करीबियों का कहना है कि वह बहुत आहत हैं। हरक ने उनसे अपना दर्द बयां किया कि अगर मैं कोटद्वार में मेडिकल कॉलेज मांग रहा हूं तो क्या अपने लिए मांग रहा हूं। इन्होंने मुझे पांच साल में भिखारी बनाकर रख दिया।
हरक जहां अपने गुस्सैल रवैये और बोल्ड तेवरों के लिए जाने जाते हैं, वहीं कई मौकों पर वह भावुक भी नजर आते हैं। कैबिनेट बैठक में नाराज होने और अपने इस्तीफे की घोषणा करने के बाद वह वहां से निकल गए। इस दौरान मीडिया कर्मियों सहित तमाम लोगों ने उनसे संपर्क करने का प्रयास किया, लेकिन उनका फोन लगातार स्विच ऑफ आता रहा।
पूरे घटनाक्रम को लेकर उनके करीबी लोगों ने बताया कि वह बेहद दुखी थे। भावुक होते हुए उन्होंने यहां तक कह डाला कि इन्होंने मुझे भिखारी बनाकर रख दिया है। जनता ने उन्हें सेवा के लिए चुना है, वह उसी जनता की सुविधा के लिए अपने क्षेत्र में विकास कार्यों को आगे बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। यदि वह कोटद्वार में मेडिकल कॉलेज की मांग कर रहे हैं तो क्या वह अपने लिए मांग रहे हैं।
हालांकि उनके इस्तीफे की खबर के साथ ही तमाम तरह की चर्चाओं का दौर भी शुरू हो गया। सबसे ज्यादा चर्चा उनके कांग्रेस में जाने को लेकर रही। इसके तुरंत बाद विधायक उमेश शर्मा काऊ के इस्तीफे की खबरें भी आने लगीं। यहां तक कहा गया कि हरक आज शनिवार को हरिद्वार के नारसन बॉर्डर पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के स्वागत में आयोजित होने कार्यक्रम में उनके साथ मंच साझा कर सकते हैं। इस दौरान वह अपने अन्य साथियों के साथ कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ग्रहण करेंगे। उनके साथियों में कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन, प्रदीप बतरा, उमेश शर्मा काऊ और कुछ अन्य विधायकों के भी कांग्रेस में शामिल होने की चर्चा होती रहीं।
चर्चाएं यहीं नहीं रुकी, यहां तक कहा गया कि गुरुवार को हरक सिंह और हरीश रावत दोनों दिल्ली में थे। इस दौरान पहले उनकी हरीश से मुलाकात हुई। इसके बाद वह कांग्रेस पार्टी के महासचिव संगठन केसी वेणुगोपाल से मिले। हालांकि उनकी इन मुलाकातों और इस तरह की चर्चाओं की किसी भी कांग्रेस नेता ने पुष्टि नहीं की।
बदले घटनाक्रम में शुक्रवार को कोटद्वार मेडिकल कालेज धरातल नहीं उतरने से कैबिनेट बैठक में अचानक डॉ. हरक सिंह रावत का गुबार फूट पड़ा। जिससे सरकार भी असहज होना पड़ा। चुनाव से पहले मंत्रिमंडल बैठक में उन्होंने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए इस्तीफा देने की बात कह मुख्यमंत्री समेत अन्य मंत्रियों को असहज किया। देर रात तक बैठक में भले सचिवालय परिसर में सन्नाटा जैसा माहौल था। हरक के इस्तीफा देने और मंत्रिमंडल से चले जाने की खबर लगते ही मीडिया कर्मियों ने मुख्यमंत्री से सवाल किया, लेकिन वह बिना कुछ कहे सीधे गाड़ी में बैठ कर चले गए। धामी के चेहरे पर परेशानी साफ झलक रही थी। हालांकि आज शनिवार को उनके इस्तीफा न देने की खबरें हैं, लेकिन इस चुनावी मौसम में और भी कई रंग देखने को मिलेंगे।