एचआईवी एड्स नियंत्रण के लिए जागरूकता है जरूरी: सीएम धामी

 एचआईवी एड्स नियंत्रण के लिए जागरूकता है जरूरी: सीएम धामी

देहरादून। एड्स एक ऐसा संक्रमण है जिसे लेकर आज भी पूरा विश्व बड़ी समस्या से जूझ रहा है। एचआईवी एड्स उन चुनिंदा संक्रमण या बीमारियों में से एक है जो आज भी लाइलाज है। वर्तमान समय में इससे बचने का एक ही तरीका है, जागरुकता। एड्स के प्रति दुनिया भर में लोगों को जागरूक करने के लिए 1 दिसंबर को एड्स दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसी के तहत बुधवार को राजधानी दून विश्व एड्स दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रतिभाग किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने एड्स से बचाव के लिए विशेष प्रयास करने एवं जागरूकता लाने वालों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी किया।

इस दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आज का दिन हमें एड्स जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे लोगों के साथ पूरी एकजुटता के साथ खड़ा के लिए प्रेरित करता है। लोगों को जागरूक करने के साथ-साथ सशक्त बनाने की भी आवश्यकता है, ताकि वे एचआईवी के प्रभाव से खुद को समय रहते बचा सकें। इस बीमारी और इसके इलाज में परामर्श एक बहुत ही महत्वपूर्ण प्रक्रिया है। एचआईवी के बारे में सटीक, पूर्ण और सुसंगत जानकारी प्रदान करने व इसके इलाज पर जोर देने के लिए लगातार प्रयास होने चाहिए। एड्स के प्रति  प्रदेश के गांव-गांव और दूरस्थ इलाकों में भी जागरूकता अभियान लगातार चलते रहने चाहिए। यह एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी है और हम सभी को मिलकर इसे निभाना होगा। राज्य सरकार लगातार इस दिशा में काम कर रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हम एक और गंभीर बीमारी कोविड का सामना कर रहे हैं। कोविड एप्रोप्रियेट बिहेवियर एवं जागरूकता इसके नियंत्रण के लिए जरूरी है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की कठिन भौगोलिक परिस्थितियां होने के बावजूद भी राज्य में निर्धारित लक्ष्य से 02 माह पूर्व शत प्रतिशत कोविड की पहली डोज लग चुकी है। जल्द ही कोविड की दूसरी डोज का लक्ष्य भी पूर्ण किया जायेगा। कोविड पर प्रभावी नियंत्रण के लिए राज्य सरकार द्वारा हर संभव प्रयास किये गये हैं। स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाने में राज्य में काफी प्रयास किये गये हैं। राज्य में निशुल्क जांच योजना के तहत 207 प्रकार की पैथेलॉजिकल जांचों की निशुल्क सुविधा दी जा रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार द्वारा स्वास्थ्य के क्षेत्र में स्वतंत्र भारत की सबसे बड़ी योजना आयुष्मान भारत चलाई जा रही है। राज्य में इसके अलावा अटल आयुष्मान उत्तराखण्ड योजना के तहत अनेक लोग लाभान्वित हो रहे हैं।

इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि एचआईवी-एड्स के प्रसार को रोकने के लिए प्रदेश में हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं। राज्य में लगभग 4800 लोग एचआईवी संक्रमित है, जिनको राज्य में स्थापित 07 एआरटी केन्द्रों में निःशुल्क उपचार एवं परामर्श की सुविधा प्रदान की जा रही है। उन्होंने कहा कि एड्स के प्रति जागरूकता के लिए आमजन की सहभागिता भी सुनिश्चित करनी होगी और युवाओं के माध्यम से जागरूता कार्यक्रमों को आगे बढ़ाते हुए भारत सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्य 2030 तक ‘‘शून्य नया संक्रमण, शून्य भेदभाव, शून्य कलंक’’ प्राप्त करना होगा। उन्होंने कहा कि राज्य में स्वास्थ्य सुविधाओं की मजबूती के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। प्रदेश में 01 लाख लोगों का मोतियाबिंद का निःशुल्क ऑपरेशन करेंगे एवं उनको चश्मे भी देंगे। डायलिसिस के रोगियों को हॉस्पिटल ले जाने एवं डायलिसिस होने के बाद घर तक ले जाने की व्यवस्था सरकार ने की है। इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। डायबिटीज के मरीजों को अस्पतालों में इंसुलिन के इंजेक्शन फ्री में दिये जायेंगे। इस अवसर पर विधायक खजान दास, भाजपा नेता विनय गोयल, सचिव स्वास्थ्य डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, परियोजना निदेशक सोनिका, महानिदेशक स्वास्थ्य डॉ. तृप्ति बहुगुणा, अपर परियोजना निदेशक डॉ. सरोज नैथानी एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।

Khabri Bhula

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