कुमाऊं और नागा रेजिमेंट के जवानों ने की दुर्गाकोट चोटी की फतह

 कुमाऊं और नागा रेजिमेंट के जवानों ने की दुर्गाकोट चोटी की फतह

बागेश्वर। कुमाऊं रेजिमेंट और नागा रेजिमेंट के पर्वतारोही दल ने यहां सुंदर ढूंगा घाटी में 5,818 मीटर ऊंची दुर्गाकोट चोटी को फतह कर ली है। जवानों ने चोटी पर तिरंगा फहराया। पहली बार सेना के दल ने इस चोटी पर जीत हासिल की है।
मेजर अशोक कपूर के नेतृत्व में कुमाऊं और नागा रेजिमेंट के 30 सदस्यों का पर्वतारोही दल 9 मई को रानीखेत से रवाना होकर कपकोट से खर्किया पहुंचा था। कपकोट से खर्किया तक जवानों को छोड़ने के लिए पुलिस टीम गई थी। 10 मई को दल खर्किया से जांतोली होते हुए कठलिया पहुंचा और मौसम ठीक होने तक का इंतजार किया। इसके लिये वे 5 दिन तक वहीं रुके। 16 मई को मौसम ठीक होने पर बेस कैंप सुखराम के लिए रवाना हुए और इस दौरान भारी बर्फबारी के बीच जवान बिना रुके चलते रहे। 17 मई को सुखराम से आगे दल कैंप-1 और 2 के लिए रवाना हुआ। 19 मई को दल ने रात के समय कैंप-1 से ट्रैकिंग शुरू की और लगातार 30 किमी पैदल चले।
पूरी रात चलने के बाद कुमाऊं और नागा जवानों के पर्वतारोही दल ने 20 मई की सुबह करीब 6 बजे दुर्गाकोट की चोटी को फतह करने में कामयाबी हासिल की। जवानों ने सूर्योदय से पहले चोटी पर तिरंगा फहराया। दल 5,818 मीटर ऊंची दुर्गाकोट चोटी को फतह करने के बाद 21 मई को वापस लौट आया। रविवार को दल के सभी सदस्य कर्मी गांव में रुके। जहां 23 से 25 मई तक सेना का स्वास्थ्य शिविर लगाया जा रहा है। दल का नेतृत्व सेना के मेजर अशोक कपूर निवासी सिद्धबाड़ी, धर्मशाला ने किया। दल में कुल 30 सदस्य शामिल थे। इसके साथ स्थानीय गाइड स्वरूप सिंह और अन्य लोग भी पर्वतारोहण के लिए गए थे।

Khabri Bhula

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