उत्तराखंड में आ सकता है 8+ का भूकंप, भूवैज्ञानिक ने दी चेतावनी
देहरादून। अब सिंगापुर के वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि उत्तराखंड में रिक्टर पैमाने पर 8 से भी ज्यादा का भूकंप आ सकता है। हालांकि उत्तराखंड के विभिन्न क्षेत्रों में भूकंप के छोटे झटके किसी बड़ी आहट के संकेत देते रहे हैं। भूवैज्ञानिक उत्तराखंड को भूकंप के दृष्टिकोण से जोन-5 में बताते हैं। अब सिंगापुर के वैज्ञानिकों के नए दावों ने उत्तराखंड की भूकंप से जुड़े खतरों को लेकर चिंता को और बढ़ा दिया है।
उत्तराखंड जिसे सेंट्रल सिस्मिक गैप कहा गया है, उसमें बड़ा भूकंप आ सकता है। इस बात की आशंका वैज्ञानिकों ने जताई है। उनका कहना है कि लंबे समय से हिमालय क्षेत्र के इस हिस्से में कोई बड़ा भूकंप नहीं आया है। इस वजह से उत्तर पश्चिमी हिमालय रीजन में जितनी भूकंपीय ऊर्जा भूगर्भ में इकट्ठी हुई है, उसमें से केवल 3 से 5 फीसद ऊर्जा ही बाहर निकल पायी है। इसी वजह के चलते वैज्ञानिक इस बात की आशंका जता रहे हैं कि भूकंप आ सकता है।
हिमालय रीजन में पिछले लंबे समय से छोटे भूकंप जरूर आ रहे हैं, लेकिन बड़ा भूकंप नहीं आया है। 1905 में हिमाचल के कांगड़ा में आए भूकंप की तीव्रता 7.8 रिक्टर स्केल पर थी। नेपाल में आए भूकंप के बाद से उत्तर पश्चिमी हिमालय रीजन में कोई बड़ा भूकंप नहीं आया है। वैज्ञानिक इस बात का दावा जरूर कर रहे हैं कि उत्तराखंड रीजन में बड़ा भूकंप आ सकता है। कब आएगा, यह तय नहीं है, लेकिन आएगा जरूर। एशियाई भूकंपीय आयोग सिंगापुर के निदेशक परमेश बनर्जी का कहना है कि उत्तराखंड क्षेत्र में लंबे समय से भूकंप नहीं आया है। जबकि उत्तराखंड में 6 रिक्टर स्केल से बड़े भूकंप आ चुके हैं। उत्तराखंड में 1991 में उत्तरकाशी में 6.6 रिक्टर व चमोली में 1999 में 6.8 रिक्टर स्केल का भूकंप आया था। उसके बाद से कोई बड़ा भूकंप नहीं आया है। हालांकि छोटे बड़े भूकंप काफी तादाद में आए हैं।
डॉ. परमेश बनर्जी का कहना है कि जापान और चीन में सबसे ज्यादा भूकंप आते हैं. लेकिन वहां लगातार रिसर्च की जा रही है। जापान में दो हजार से ज्यादा जीपीएस सिस्टम लगाए गए हैं, लेकिन भारत की अगर बात करें तो हिमालय रीजन में जहां सबसे ज्यादा भूकंप के झटके महसूस किए जाते हैं, वहां पर इस तरह के सिस्टम नहीं लगे हैं। आने वाले समय के लिए इसकी जरूरत है ताकि, वैज्ञानिक इस बात का पता लगा सकें कि इस पूरे हिमालयन रीजन में कैसी भूगर्भीय हलचल है।
पर्यावरणविद और प्रोफेसर एसपी सती भी इस बात को मानते हैं कि 8 से ज्यादा रिक्टर स्केल का भूकंप अभी तक उत्तराखंड या उत्तर पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में नहीं आया है। उन्होंने इस आशंका से इनकार नहीं किया कि 1905 का कांगड़ा भूकंप और 1934 का बिहार नेपाल बॉर्डर पर आये भूकंप के बाद अब तक उत्तराखंड रीजन जिसे सेंट्रल सिस्मिक गैप कहा गया है, इसमें 8 प्लस का भूकंप आ सकता है।