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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण से होगी उत्तराखंड रजत जयंती सत्र की शुरुआत
             
      देहरादून। उत्तराखंड के रजत जयंती वर्ष पर आयोजित दो दिवसीय विधानसभा के विशेष सत्र के पहले दिन आज सोमवार 3 नवंबर को सदन में कुछ खास रहने वाला है। राज्य स्थापना के 25 वर्ष पूरे होने पर रजत जयंती के उपलक्ष्य पर विधानसभा का विशेष सत्र सोमवार से शुरू होगा। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण से सत्र की शुरुआत होगी। विशेष सत्र के लिए राष्ट्रपति रविवार दोपहर दून पहुंच गईं हैं।
विधानसभा सचिवालय ने विशेष सत्र की तैयारियां पूरी कर ली हैं। विधानसभा परिसर व आसपास के क्षेत्रों में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए। सोमवार सुबह 11 बजे विशेष सत्र में राष्ट्रपति का सदन में एक घंटे का संबोधन होगा। इसके बाद राष्ट्रपति नैनीताल के लिए रवाना होंगी। विधानसभा परिसर में बिना पास के किसी को भी प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। सत्र में प्रदेश सरकार राज्य स्थापना के 25 साल में हुए विकास कार्यों के साथ ही अगले 25 वर्षों के विकास का रोडमैप को सदन में चर्चा के लिए रखेगी।
निरीक्षण के दौरान विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी भूषण ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी व्यवस्थाएं समयबद्ध और उच्चस्तरीय समन्वय के साथ पूरी की जाएं, ताकि ये ऐतिहासिक सत्र उत्तराखंड की गरिमा और परंपरा के अनुरूप भव्य रूप में संपन्न हो। उन्होंने कहा कि यह विशेष सत्र देवभूमि उत्तराखंड की आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक विरासत, 25 वर्षों की विकास यात्रा और आने वाले वर्षों की संभावनाओं पर केंद्रित रहेगा। यह सत्र राज्य की प्रगति, उपलब्धियों और संकल्पों को नई दिशा देने का कार्य करेगा।
बता दें कि उत्तराखंड विधानसभा में राष्ट्रपति का संबोधन होने के बाद राष्ट्रपति नैनीताल के लिए रवाना हो जायेंगी। वहां राष्ट्रपति नैनीताल स्थित राजभवन की स्थापना के 125 साल पूरे होने पर आयोजित समारोह में भी शामिल होंगी। इसके बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू अपने उत्तराखंड दौरे के तीसरे दिन यानि 4 नवंबर को कैंची धाम स्थित नीब करौरी बाबा (नीम करोली) के आश्रम जायेंगी। नई दिल्ली लौटने से पहले राष्ट्रपति नैनीताल में कुमाऊं विश्वविद्यालय के 20वें दीक्षांत समारोह में भी शामिल होंगी।
                     
                     
                     