मसूरी: ट्रेनी आईएएस अफसरों को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिये टिप्स : कहा- ‘कैरेक्टर इज द हाईएस्ट वर्चू’
देहरादून। आज शुक्रवार को राजभवन स्थित राज प्रज्ञेश्वर महादेव मंदिर में रुद्राभिषेक और नक्षत्र वाटिका के उद्घाटन के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू मसूरी लाल बहादुर शास्त्री प्रशासनिक अकादमी पहुंचीं। यहां राज्यपाल गुरमीत सिंह, मुख्यमंत्री धामी और लाल बहादुर शास्त्री प्रशासनिक अकादमी के डायरेक्टर श्रीनिवास कटिकितला ने उनका स्वागत किया। यहां मुर्मू ने पोलो ग्राउंड और इंस्टीट्यूशन ऑफ हैप्पी वैली सिविल सर्विस एरीना पोलो कप का शुभारंभ किया।
उन्होंने पोलो ग्राउंड पर ही आयोजित होने वाले पर्वतमाला हिमालयन एंड नॉर्थ ईस्ट आउटडोर लर्निंग एरिना पोलो ग्राउंड का शुभारंभ किया। अकादमी में स्थापित सरदार पटेल की मूर्ति पर पुष्पांजलि अर्पित की बाद राष्ट्रपति ने वॉक वे ऑफ सर्विस और अकादमी में बनाए हॉस्टल ब्लॉक मॉनेस्ट्री स्टेट के साथ ही टेलीमेडिसिन कंसल्टेशन सर्विस का भी शुभारंभ किया।
इसके बाद द्रौपदी ने आईएएस अकादमी के संपूर्णानंद ऑडिटोरियम में फाउंडेशन कोर्स के 455 प्रशिक्षु अधिकारियों को संबोधित किया। उन्होंने लाल बहादुर शास्त्री प्रशासनिक अकादमी को देश के लिए बेहतर प्रशासनिक अधिकारी दिए जाने को लेकर प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि ‘कैरेक्टर इज द हाईएस्ट वर्चू’ का सिद्धांत अपनाते हुए आईएएस अधिकारी आगे बढ़ेंगे। उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को याद करते हुए कहा कि उनके द्वारा संविधान के प्रति निष्ठा का भाव रखने का संदेश दिया था और वह स्वयं इस बात को दोहराना चाहती हैं कि हम सब को समाज के वंचित वर्गों के लोगों के लिए संवेदनशील होना होगा।
उन्होंने कहा कि भारत को उन्नति और प्रगति की ओर अग्रसर करना के लिए सभी अधिकारियों की संवैधानिक जिम्मेदारी है और नैतिक उत्तरदायित्व भी है। सभी ट्रेनी अधिकारियों को एक आम आदमी बनकर देश की सेवा करनी होगी। उनका पूरा विश्वास है कि अधिकारी इसको प्रशिक्षण के तहत सीमित नहीं रखेंगे, सरकारी योजनाओं को प्रत्येक जरूरतमंदों तक पहुंचाने का काम भी करेंगे और गांव के विकास के साथ मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराएंगे। अपने संबोधन के बाद राष्ट्रपति ने अकादमी के विजिटर बुक में साइन किया और फिर वो मसूरी से देहरादून के लिए रवाना हो गईं।