सरकारी बैठकों के लिए दिशा-निर्देश जारी, बैठकों में चाय-बुके का चलन खत्म
देहरादून। मूख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बीते दिनों सरकारी बैठकों में होने वाली फिजूलखर्ची को रोकने के निर्देश दिए थे जिसके साथ ही मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव सहित सभी जिलों के अधिकारियों को निर्देशित किया था की सभी सरकारी बैठक सरकारी हॉल में ही कराई जाए न की प्राइवेट होटलों यह निजी स्थानों पर। इसके अलावा अब एक और सख्ती के निर्देश दिए गए हैं कि अब सरकारी बैठकों में स्वागत में दिए जाने वाले बुके और परोसी जाने वाली चाय बिस्कुट पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
मुख्य सचिव संधु ने कहा कि शासन स्तर अथवा फील्ड स्तर पर होने वाली बैठकों के दौरान देखा गया कि आयोजक विभाग पूरी तैयारियों के साथ नहीं पहुंचते हैं। वहीं बैठकों में स्वागत में भी समय जाया करते हैं। इसके साथ ही बैठकों के एजेंडे के प्रस्तुतीकरण में भी ज्यादा समय लगा रहे है।
यह परंपरा बिल्कुल गलत है। इससे बैठकों के बिंदुओं पर पर्याप्त चर्चा नहीं हो पाती है। उन्होंने कहा कि भविष्य में जो भी बैठकें होंगे, उनमें बुके भेंट नहीं किया जाएगा। अपरिहार्य स्थितियों के बाद ही बैठक के दौरान बीच में पानी दिया जाएगा। संधु ने कहा कि बैठकों के वक्त जलपान सामग्री पर अपव्यय ही होता है और इससे चर्चा भी बाधित होती है। बैठकों के बाहर अन्य स्थान पर पेयजल व चाय की व्यवस्था रखी जाए।
मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि प्रस्तुतीकरण में भी ज्यादा समय लग रहा है। वह परंपरा बिल्कुल गलत है बैठक के बिंदु पर पर्याप्त चर्चा करने के लिए भविष्य में जो भी बैठक होगी, उसमें पूरी तैयारी के साथ पॉइंट ग्राफिक्स सांकेतिक छाया चित्रों और न्यूनतम आंकड़ों के साथ प्रस्तुतीकरण तैयार किया जाएगा।