शर्मनाक : बाबा केदार के दर्शनों को आये श्रद्धालुओं से जमकर लूट खसोट!
- केदारनाथ में पानी की बोतल के 200 रुपये, कमरे का किराया 9000 तक वसूला गया
रुद्रप्रयाग। खराब मौसम के बीच उत्तराखंड के अलग-अलग हिस्सों से ऐसी शर्मनाक खबरें आईं, जिन्होंने देवभूमि की साख पर बट्टा लगा दिया। जहां नैनीताल में टैक्सी चालकों ने परेशान पर्यटकों से मनमाना किराया वसूला तो वहीं केदारनाथ में एक कमरे के लिए 9 हजार रुपये वसूले जा रहे हैं। पानी की एक-एक बोतल के 200 रुपये वसूले गए। खाने की थाली के नाम पर भी जमकर वसूली की गई।
मुसीबत में फंसे पर्यटकों से इस तरह की लूट स्थानीय कारोबारियों ने की, वह वाकई शर्मनाक और दिल तोड़ने वाली है। जो श्रद्धालु बाबा केदार के दर्शनों के लिए उत्तराखंड आए थे, वो यहां से बुरा अनुभव लेकर लौटे। चारधाम यात्रा को लेकर पर्यटक पहले ही काफी परेशानी झेल चुके हैं। पहले उन्हें ई-पास की बाध्यता ने बैरंग लौटने पर मजबूर किया तो अब मौसम की बेरुखी के बीच कमरे के किराए से लेकर भोजन, टैक्सी के नाम पर मनमानी वसूली के मामले सामने आ रहे हैं।
यात्रा से लौटे श्रद्धालुओं ने बताया कि केदारनाथ में एक कमरे के 6 से 9 हजार रुपये तक वसूले जा रहे हैं। पानी की बोतल 200 रुपये, कोल्डड्रिंक 80 रुपये और हाफ प्लेट मैगी 50 रुपये में मिल रही है। केदारनाथ धाम ही नहीं, यात्रा के मुख्य पड़ाव सोनप्रयाग और गुप्तकाशी में भी यही हाल है। कई टैक्सी-मैक्सी चालकों द्वारा 250 से 300 रुपये प्रति व्यक्ति किराया लिया जा रहा है। हम केदारनाथ यात्रा के लिए आए थे, लेकिन जिस तरह से टॉफी, पानी, बिस्कुट से लेकर नाश्ता व भोजन के मनमाने दाम वसूले गये हैं, उससे आम यात्री का यहां पानी पीना भी मुश्किल है।
गौरतलब है कि खराब मौसम के चलते बीते रविवार को केदारनाथ यात्रा रोक दी गई थी। ऐसे में जो यात्री जगह-जगह फंसे थे, उन्हें कमरों के लिए परेशानी झेलनी पड़ी। कई यात्रियों को खुले आसमान के नीचे रात काटनी पड़ी। हालांकि श्रद्धालुओं से मनमानी वसूली पर पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज बेहद खफा नजर आये और उन्होंने देवभूमि की साख पर बट्टा लगाने वाले स्थानीय व्यवसायियों पर कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिये। उन्होंने रुद्रप्रयाग के डीएम से बात करते हुए ऐसे रेस्टोरेंट संचालकों पर तत्काल मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए हैं। विडंबना यह है कि उत्तराखंड के दूरदराज के इलाकों में रहने वाले लोगों की रोजी रोटी पर्यटकों की आमद से ही चलती है और वही लोग मुसीबत के समय श्रद्धालुओं और पर्यटकों से लूटखसोट पर उतर आते हैं जिससे पूरी दुनिया में एक गलत संदेश जाता है।