आईएमए पीओपी : सादगी के साथ मनाई जा रही है पासिंग आउट परेड
देहरादून। भारतीय सैन्य अकादमी (आइएमए) में पासिंग आउट परेड (पीओपी) शुरू हो गई है। सुबह करीब 7.30 बजे मार्कर्स कॉल के साथ परेड का आगाज हुआ। एक साथ उठते कदम और गर्व से तने सीने दर्शक दीर्घा में बैठे हरेक शख्स के भीतर ऊर्जा का संचार कर रहे हैं। आज भारतीय सैन्य अकादमी (आइएमए) में अंतिम पग पार करते ही 319 नौजवान भारतीय सेना का हिस्सा बन जाएंगे। इसके साथ ही नो मित्र देशों के 68 विदेशी कैडेट भी पास आउट हो रहे हैं। राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द बतौर निरीक्षक अधिकारी परेड की सलामी लेंगे। इसके लिए वे कल शाम दून पहुंचे। कोरोना संक्रमण को देखते हुए परेड के दौरान हर स्तर पर सतर्कता बरती जा रही है।गौरतलब हो कि साल 1971 के भारत-पाक युद्ध में भारतीय सशस्त्र सेनाओं की जीत के 50 साल पूरे होने के अवसर पर आयोजित हो रही परेड को यादगार बनाने की तैयारी कई दिन से की जा रही थी, लेकिन इस बीच बुधवार को तमिलनाडु के कुन्नूर में हुए हेलीकाप्टर हादसे में चीफ आफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत समेत 13 अधिकारियों और जवानों की मौत हो जाने से इतिहास में पहली बार आईएमए पीओपी के दौरान होने वाले कई कार्यक्रम को रद्द किया गया है। दरअसल सीडीएस बिपिन रावत को भी परेड में शिरकत करने आइएमए पहुंचना था। उनके निधन के बाद कमांडेंट परेड के अलावा पासिंग आउट परेड की पूर्व संध्या पर आयोजित होने वाले दो अन्य कार्यक्रम रद कर दिए गए। इस बार पीओपी और पीपिंग सेरेमनी की रस्म तो होगी, लेकिन जश्न नहीं मनाया जाएगा।मित्र देश भी मान रहे भारतीय सैन्य अकादमी का लोहावर्ष 1932 में 40 कैडेट के साथ अकादमी का सुनहरा सफर शुरू हुआ था। भारतीय सैन्य अकादमी ने देश-दुनिया को एक से बढ़कर एक नायाब अफसर दिए हैं। प्रथम बैच में फील्ड मार्शल सैम मानेक शा, म्यांमार के सेनाध्यक्ष स्मिथ डन और पाकिस्तान सेनाध्यक्ष मोहम्मद मूसा पास आउट हुए थे। तब से यह संस्थान जांबाज युवा अफसरों की फौज तैयार कर रहा है। खास बात यह कि यहां प्रशिक्षण लेने वालों में न केवल देश बल्कि विदेशी कैडेट में शामिल रहते हैं। अकादमी के कड़े प्रशिक्षण व अनुशासन का लोहा मित्र देश भी मान रहे हैं। अब तक अकादमी 33 मित्र देशों के 2656 युवाओं को प्रशिक्षित कर चुका है। इस बार भी 68 विदेशी कैडेट आइएमए से पास आउट हो रहे हैं।