तीन-तीन बार हार से बौखलाये हरदा, दूसरों के सिर पर फोड़ रहे ठीकरा!

 तीन-तीन बार हार से बौखलाये हरदा, दूसरों के सिर पर फोड़ रहे ठीकरा!
  • हरीश रावत का दावा, मेरा राजनीतिक करियर खत्म करने के चक्कर में कांग्रेस की हुई हार

देहरादून। कांग्रेस में विधानसभा चुनाव में हुई करारी हार को हरीश रावत पचा नहीं पा रहे हैं। पहले विधानसभा चुनाव में दो-दो जगह से चुनावी जंग में धूल चाटने वाले कांग्रेस के इस कद्दावर नेता को इस बार भी पराजित होने का दर्द नाकाबिले बर्दाश्त होता जा रहा है। इसके साथ ही वह अपनी हार का ठीकरा पार्टी के ही दूसरे गुट पर फोड़ने में लग गये हैं। इससे उनकी सियासी हाशिये पर जाने की पीड़ा उभरकर सामने आने लगी है।
उम्र के साथ ही अन्य तमाम कारणों से उन्हें अब अपने सियासी सफर का सूरज अस्ताचल की ओर जाता नजर आ रहा है। पिछले पांच सालों में सोशल मीडिया पर लोक लुभावने बयान और टिप्पणियों से हरदा अपनी मौजूदगी बखूबी दर्ज कराने में सफल रहे और चर्चाओं में भी बने रहे। अब सियासी सफर पर गर्दिश की धूल जमने लगी है तो उन्हें कोई राह नहीं सूझ रही है। चुनावी परिणाम आने से पहले भी हरदा ने उतावलेपन में यह ऐलान कर दिया था कि अगर उनको सीएम नहीं बनाया गया तो वह संन्यास ले लेंगे। खैर अब तो मंजर ही बदल चुका है और उनके सियासी स्टंप भी बिखर चुके हैं। अपनी गलतियों और नाकामियों का विश्लेषण करने के बजाय पार्टी के ही कुछ नेताओं पर उनके खिलाफ साजिश करने का आरोप लगाने के पीछे उनकी हताशा ही महसूस की जा रही है।
हर बात को सनसनीखेज बनाने में माहिर अब हरदा यह दावा कर रहे हैं कि भाजपा के लोग तो ऐसा नहीं कर पाए, लेकिन कांग्रेस के ही कुछ लोग उनका राजनीतिक करियर खत्म करना चाहते हैं। शिकार का अच्छा मौका देख कई लोग मैदान में कूद गए हैं। उनके इस दावे को सियासी गलियारों में कुछ इस तरह देखा जा रहा है…’खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे’।  
इससे पहले सोमवार को भी हरीश ने कहा था कि जो काम भाजपा के लोग इतने वर्षों में नहीं कर पाए, उसे अब कांग्रेस के लोग अंजाम देना चाहते हैं। उन्हें मेरी हार से भी चैन नहीं है। इसलिए उनके खिलाफ तमाम तरह के हथकंडे अपनाए जा रहे हैं। वे कौन लोग हैं और किसके इशारे पर काम कर रहे हैं?
हालांकि मीडिया से बातचीत में हरदा ने कहा कि उनका झगड़ा किसी से नहीं है। वह तो न्याय और सम्मान की लड़ाई लड़ रहे हैं। जिस तरह से उनके खिलाफ एक झूठा प्रोपेगेंडा रचा जा रहा है, उससे व्यथित हैं। इससे किसी का भला नहीं होने वाला है, पार्टी को जरूर नुकसान हो रहा है।
रावत ने कहा कि भाजपा ने एक झूठ को एक फर्जी अखबार की कतरन तैयार कर जिस तरह से ‘धामी की धूम’ पेज और सोशल मीडिया पर प्रचारित और प्रसारित किया, उसमें कांग्रेस के ही कुछ लोगों ने भी भाजपा का साथ दिया। जबकि इस झूठ का पर्दाफाश करने के लिए पूरी कांग्रेस को उनके साथ खड़ा होना चाहिए था, लेकिन दुर्भाग्य से ऐसा नहीं हुआ, उल्टा उन लोगों ने इस झूठ को और फैलने दिया या फैलाया।   सियासत के जानकार लोग हरदा के इस बयान को उनकी नाकामियों और खुद को कांग्रेस का खेवनहार बनने की लालसा के साथ ही पार्टी के काबिल नेताओं को नेपथ्य में धकेलने के रूप में ही देख रहे हैं।  

Khabri Bhula

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