उत्तराखंड : ओमिक्रॉन को लेकर सरकार सख्त, एसओपी जारी
देहरादून। कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन को लेकर उत्तराखंड सरकार अब सख्ती बरतने जा रही है। इसी के साथ ही नई एसओपी जारी की गई है। जो आज यानी एक दिसंबर से ही लागू हो गई है। मुख्य सचिव एसएस संधू की ओर से जारी एसओपी के अनुसार कोरोना के नए स्वरूप ओमीक्रोन से बचाव के लिए अब बार्डर, रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट, भीड़भाड़ वाले स्थानों और पर्यटक स्थलों पर रेंडम जांच की जाएगी। साथ ही उत्तराखंड के सभी विश्वविद्यालयों, कॉलेजों, मेडिकल कॉलेजों, इंजीनियरिंग संस्थानों, नर्सिंग कॉलेजों, कृषि एवं प्रोद्योगिकी संस्थानों में पढ़ रहे छात्रों की कोरोना जांच की जाएगी। और किसी छात्र या शिक्षक के पॉजीटिव आने पर उनका अनिवार्य रूप से कोविड प्रोटोकॉल के तहत इलाज होगा। राज्य के सभी फ्रंट लाइन वर्कर की कोविड जांच भी होगी। इसी के साथ ही 65 साल से अधिक उम्र के व्यक्तियों को आवश्यक और स्वास्थ्य संबंधी कारणों से ही घर से बाहर निकलने की इजाजत होगी। गर्भवती एवं स्तनपान कराने वाली महिलाओं और पहले से ही बीमार लोगों को भी स्वास्थ्य कारण व जरूरी होने पर ही घर से बाहर निकलने की इजाजत होगी।
उधर, स्वास्थ्य सचिव डॉ.पंकज पांडेय ने सभी जिलाधिकारियों को उच्च अधिकारियों के नेतृत्व में मॉनिटरिंग समिति गठित करने के निर्देश दिए हैं। यह समिति नए वायरस के संक्रमण से बचाने पर काम करेगी। वहीं, उन्होंने डीआईजी को कांटेक्ट ट्रेसिंग, कंटेनमेंट जोन के और कोविड जांच बढ़ाए जाने के निर्देश दिए गए हैं। स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि राज्य सरकार पहले ही इस संदर्भ में सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दे चुकी है। राज्य में कोविड जांच बढ़ाने का निर्णय लिया गया है और राज्य भर में रेंडम जांच का भी निर्णय लिया गया है। वहीं जिला पुलिस की क्राइम मीटिंग में डीआईजी जन्मेजय खंडूरी का फोकस कोरोना के बढ़ते प्रकोप को नियंत्रण करने पर रहा। उन्होंने सभी थाना प्रभारियों को सार्वजनिक स्थलों पर सोशल डिस्टेंस का पालन कराने के साथ साथ पुलिस कर्मचारी मास्क पहनने और बिना मास्क सड़कों या बाजारों पर घूमने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।