उत्तराखंड में पर्वतारोहियों और ट्रैकरों के लिए हो रिस्टबैंड की व्यवस्था: डॉ. संधु
देहरादून। आज गुरुवार को मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु ने पर्यटन विभाग की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिए कि माउंटेनियरों और ट्रैकरों के लिए रिस्टबैंड की व्यवस्था की जाए, ताकि सैटेलाईट व अन्य माध्यमों से उनकी लोकेशन की जानकारी मिल सके। सर्च ऑपरेशन्स में इससे काफी सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि पर्वतारोहियों एवं ट्रैकरों की सुरक्षा के लिए अन्य आवश्यक इंतजाम भी सुनिश्चित किए जाएं।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में चारधाम यात्रा सीजनल होती है, परन्तु ऑफ सीजन टूरिज्म की व्यापक संभावनाएं है। इन्हें तलाशते हुए योजनाएं तैयार की जाएं। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सबसे पहले कनेक्टिविटी पर कार्य किया जाए। हेलीपैड एवं हेलीपोर्ट के निर्माण किये जाए। पर्यटन स्थलों में हेलीपैड विकसित करने के लिए प्राथमिकता तय की जाए।
उन्होंने कहा कि जिन क्षेत्रों में पर्यटन विकास की बहुत अधिक सम्भावनाएं हैं, परन्तु कनेक्टिविटी के कारण पिछड़ रहे हैं, उन क्षेत्रों में प्राथमिकता पर फोकस किया जाए। यात्रा मार्गों पर हर 20, 30 किलोमीटर पर पानी व टॉयलेट आदि की सुविधाएं उपलब्ध करायी जाएं। पर्यटन स्थलों पर पर्यटकों के लिये सुविधाएं विकसित की जानी चाहिए।
मुख्य सचिव ने कहा कि पर्यटन विभाग द्वारा ऐसे क्षेत्रों में पर्यटन की सम्भावना होने के बावजूद, सुविधाओं के अभाव के कारण यह सब सम्भव नहीं हो पा रहा है, वहां रिसोर्ट विकसित किए जा सकते हैं, जिन्हें शुरुआत में जीएमवीएन एवं केएमवीएन के माध्यम से चलाकर प्रॉफिट गेनिंग होने पर बेचा जा सकता है और उस पैसे से नई जगह डेवलप की जा सकती हैं। इससे प्रदेश में अनेक पर्यटन स्थल विकसित हो जाएंगे। उन्होंने निर्देश दिए कि ऐसे पर्यटन स्थलों को प्राथमिकता के आधार पर कार्य किया जाए। सभी कार्य योजनाओं पर समयबद्धता के साथ कार्य किया जाए। प्रत्येक कार्य के लिए समयसीमा पूर्व में ही निर्धारित की जाए। प्रत्येक योजना को साप्ताहिक अथवा पाक्षिक मॉनिटरिंग की जाए ताकि निर्धारित समयसीमा में कार्य पूर्ण हो सके।
मुख्य सचिव ने अधिकारियों को मार्केटिंग और पब्लिसिटी पर भी विशेष फोकस किए जाने के निर्देश दिए। इस अवसर पर सचिव दिलीप जावलकर, अपर सचिव युगल किशोर पंत एवं सीईओ युकाडा स्वाति भदौरिया सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।