प्रदेश के 20 राजकीय महाविद्यालय बनेंगे मॉडल कॉलेज, 159 करोड़ की धनराशि स्वीकृत : धन सिंह रावत
देहरादून। प्रदेश में उच्च गुणवत्तायुक्त शिक्षा के लिये राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अंतर्गत 20 राजकीय महाविद्यालयों का कायाकल्प कर उन्हें शोध आधारित मॉडल कॉलेज के रूप में विकसित किया जायेगा। इसी प्रकार 6 राजकीय महाविद्यालयों में कला व विज्ञान संकाय के लिये नये पीजी ब्लॉक बनाये जायेंगे। इसके लिये राज्य सरकार ने रूपये 159 करोड़ से अधिक की धनराशि स्वीकृत कर दी है।
उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि राज्य सरकार उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत शोध आधारित मॉडल कॉलेज विकसित करने में जुटी है। इसके लिये प्रदेश के 20 राजकीय महाविद्यालयों का चयन कर उनमें आधारभूत संरचनाओं के विकास के लिये रूपये 129 करोड़ की धनराशि स्वीकृत कर दी है। इसी तरह राज्य के 6 राजकीय महाविद्यालयों में कला एवं विज्ञान संकाय के पृथक पीजी ब्लॉकों के निर्माण के लिये रूपये 30 करोड़ मंजूर कर कुल 159 करोड़ से अधिक की धनराशि स्वीकृत कर दी है। उन्होंने बताया कि स्वीकृत धनराशि से राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय रूद्रपुर, काशीपुर, चम्पावत, बागेश्वर, पिथौरागढ़, हल्द्वानी, रानीखेत, कोटद्वार, नरेन्द्रनगर, नई टिहरी, उत्तरकाशी, थलीसैंण, गैरसैंण, लक्सर, गोपेश्वर, डाकपत्थर, रायपुर, अगस्त्यमुनि सहित कुमाऊं विश्वविद्यालय का डीबीएस परिसर तथा सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के अल्मोड़ा परिसर में जरूरी संसाधन जुटाकर मॉडल कॉलेज बनाये जायेंगे। इन महाविद्यालयों में महिला एवं पुरूष छात्रावास सहित अति आधुनिक आई.टी. लैब तथा ई-लर्निंग कक्षों का निर्माण किया जायेगा।
शिक्षा मंत्री ने बताया कि महिला व पुरूष छात्रावासों में तमाम सुविधाओं के साथ सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम सुनिश्चित किये जायेंगे। इसके अलावा छात्र-छात्राओं के लिये पार्किंग, डाईनिंग हाल, किचन, दिव्यांग कक्ष एवं रैम्प तथा वार्डन ऑफिस भी बनाये जायेंगे। विभागीय मंत्री डॉ. रावत ने बताया कि प्रदेश के 6 राजकीय महाविद्यालयों राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय स्याल्दे, बेरीनाग एवं कपकोट में कला संकाय भवन तथा राजकीय महाविद्यालय टनकपुर, थत्युड एवं सोमेश्वर में विज्ञान संकाय के भवनों का निर्माण किया जायेगा। उन्होंने बताया कि मॉडल कॉलेजों एवं पीजी कॉलेजों में निर्माण कार्यों को शीघ्र शुरू करने के लिये विभागीय अधिकारियों को निर्देश दे दिये गये हैं ताकि तय समय निर्माण कार्यों को पूरा किया जा सके और छात्र-छात्राओं का इसका लाभ मिल सके।