उदयपुर हत्याकांड : टेलर की तालिबानी हत्या के बाद तनाव, हत्यारों को फांसी की मांग
- कन्हैया का अंतिम संस्कार हुआ, पत्नी बोली- हत्यारों को फांसी दो, नहीं तो वे कई लोगों को मारेंगे
उदयपुर। यहां टेलर कन्हैयालाल का आज बुधवार दोपहर अंतिम संस्कार कर दिया गया। शहर में कर्फ्यू के बाद उनकी अंतिम यात्रा में भारी भीड़ जुटी। लोगों ने हत्यारों को फांसी दो…फांसी दो के नारे लगाए। पूरा शहर कन्हैया की हत्या के विरोध में बंद रहा। भारी संख्या में सुरक्षाबल तैनात किया गया था।
इससे पहले पोस्टमार्टम के बाद जब उनका शव घर ले जाया गया, तो घर में कोहराम मच गया। बिलखती पत्नी ने कहा कि हत्यारों को फांसी की सजा दी जाए, नहीं तो ये लोग कई लोगों को मारेंगे। गौरतलब है कि 10 दिन पहले नूपुर शर्मा के समर्थन में सोशल मीडिया पर पोस्ट डालने वाले कन्हैयालाल का तालिबानी तरीके से मर्डर कर दिया गया। गौस और रियाज बीते मंगलवार को दिनदहाड़े उसकी दुकान में घुसे। तलवार से कई वार किए और उसका गला काट दिया। दुकान में ईश्वर समेत दो और कर्मचारी मौजूद थे।
पुलिस ने मंगलवार को ही दोनों आरोपियों गौस मोहम्मद और रियाज जब्बार को राजसमंद से अरेस्ट किया था। इनके अलावा 3 अन्य लोगों को भी पुलिस ने पकड़ा है। हत्याकांड की जांच अब एनआईए ने अपने हाथ में ले ली है और दोनों हत्यारों के खिलाफ यूएपीए एक्ट समेत कई धाराओं में मामला दर्ज किया गया है।दोनों आरोपियों को मंगलवार शाम उदयपुर से सटे राजसमंद जिले के भीम इलाके से गिरफ्तार किया गया है। राजस्थान में एहतियातन 24 घंटे के लिए इंटरनेट बंद कर दिया गया है। एक महीने के लिए धारा 144 लागू की गई है। घटना के विरोध में उदयपुर समेत झालावाड़, डूंगरपुर, राजसमंद समेत कई शहर बंद हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा- इस मामले की पूरी जांच होगी। उधर नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया भी कन्हैयालाल के परिजनों से मिलने उदयपुर पहुंचे। उन्होंने कहा कि अपराधियों में अब भय नहीं रहा।
इससे पहले दोनों हमलावर कपड़े का नाप देने के बहाने मंगलवार को कन्हैया की दुकान में घुसे थे। इसके उन्होंने बर्बर तरीके से उसकी हत्या कर दी थी। इससे उदयपुर में पूरे दिन माहौल तनावपूर्ण रहा। हत्याकांड के विरोध में लोग सड़कों पर उतर आए थे। मामले से गुस्साए लोगों के प्रदर्शन के दौरान कई बार प्रदर्शनकारियों की पुलिस से भी झड़प हुई। उदयपुर का पूरा प्रशासनिक अमला मौके पर डटा रहा।
टेलर कन्हैयालाल की हत्या के चश्मदीद ईश्वर के मुताबिक सेठजी ने 10-15 दिन पहले सोशल मीडिया पर पोस्ट डाली थी। इसी पर विवाद हुआ। कन्हैयालाल के खिलाफ पड़ोसी ने 11 जून को धानमंडी थाने में रिपोर्ट दी थी। 11 जून को ही पुलिस ने कन्हैयालाल को गिरफ्तार कर लिया। इसी दिन दोनों पक्ष समझौता करवा दिया गया। कन्हैयालाल को भी घर भेज दिया गया। इसके बावजूद खौफनाक तो यह है कि मारने वालों ने पहले ही सोशल मीडिया पर पोस्ट डालकर सेठजी का गला रेतने की धमकी दी थी। वे दुकान पर आकर गला रेत भी गए। सोशल मीडिया पर कबूलनामा भी डाला। इसके साथ ही पीएम मोदी को भी मारने की धमकी दी।
राजसमंद पुलिस करीब रात 8 बजे दोनों को भीम थाने लेकर पहुंची। इससे पहले जैसे ही लोगों को इसकी जानकारी मिली काफी संख्या में भीड़ थाने के बाहर जुट गई। भड़के लोग नारेबाजी करने लगे। भीड़ डिमांड करने लगी कि आरोपियों को हमारे हवाले कर दो। इस पर एक बार तो पुलिस ने भीड़ को खदेड़ा, लेकिन माहौल बिगड़ते देख पुलिस के भी हाथ-पैर फूल गए। बताया जा रहा है कि इसके बाद पुलिस आरोपियों को अज्ञात जगह ले गई।
उदयपुर में कन्हैयालाल साहू के बर्बर हत्याकांड में पुलिस की लापरवाही के आरोप लग रहे हैं। परिवार ने कहा कि अगर पुलिस समय रहते उसकी शिकायत पर कार्रवाई करती तो आज यह दिन नहीं देखना पड़ता। नूपुर शर्मा के समर्थन में पोस्ट के बाद से ही उसे धमकियां मिल रही थीं। कन्हैयालाल को आशंका थी कि उसकी हत्या हो जाएगी।
लोग सोशल मीडिया पर कह रहे थे- इसे जान से मार दो। इस डर से ही उसने पुलिस से मदद मांगी थी। 15 जून को धानमंडी थाने में शिकायत की थी। छह दिन तक उसने दुकान भी नहीं खोली। उधर, पुलिस का दावा है कि दोनों पक्षों के बीच बातचीत के बाद सहमति बन गई थी।
दरसअल इस विवाद की शुरुआत कन्हैयालाल की एक डीपी से हुई। बताया जा रहा है कि कन्हैयालाल ने भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा की डीपी लगा रखी थी। इस पर उसे धमकियां मिलने लगीं। पुलिस को 15 जून को दी शिकायत में उसने बताया था, ‘करीब 6 दिन पहले मेरे बेटे से मोबाइल पर गेम खेलते हुए कुछ पोस्ट हो गया था। इसकी जानकारी मुझे नहीं थी। पोस्ट और डीपी लगाने के दो दिन बाद दो लोग मेरी दुकान पर आए। मोबाइल की मांग की। बोले- आपके मोबाइल से आपत्तिजनक पोस्ट डाली गई है। मैंने कहा कि मुझे मोबाइल चलाना नहीं आता है। मोबाइल से मेरा बच्चा गेम खेलता है। उसी से हो गया होगा। इसके बाद पोस्ट भी डिलीट कर दी गई थी। उन लोगों ने कहा कि आइंदा से ऐसा मत करना।’
कन्हैया ने शिकायत में बताया कि ‘ 11 जून को मुझे धानमंडी थाने से फोन आया। कहा- आपके खिलाफ एक रिपोर्ट दर्ज हुई है। आप थाने आ जाओ। जब में थाने गया तो पड़ोसी नाजिम ने ही रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। उसने कहा कि रिपोर्ट समाज के दबाव में की है। मुझे पता है कि आपको मोबाइल चलाना नहीं आता।’
कन्हैयालाल के मुताबिक पुलिस के समझौता कराने के बाद शिकायत करने वाले पड़ोसी के साथ अन्य पांच लोग उसकी दुकान की रेकी कर रहे थे। उसे दुकान नहीं खोलने दे रहे थे। ऐसे में उसे आशंका थी कि दुकान खुलते ही वे लोग उसे मारने की कोशिश करेंगे। वे लोग लगातार धमकी दे रहे थे कि यह व्यक्ति कहीं दिखे तो इसे जान से मार दो।
धानमंडी थाने के एएसआई भंवरलाल की मौजूदगी में दोनों पक्षों में समझौता कराया गया था। कन्हैयालाल ने भी लिखकर दिया कि 5 लोगों की शिकायत के बाद मुझे गिरफ्तार किया। अब मेरी इन लोगों से बातचीत के बाद समझौता हो गया है। मैं कानूनी कार्रवाई नहीं चाहता हूं। इस समझौता पत्र में 5 लोगों के मोबाइल नंबर दर्ज किए। बावजूद इसके कन्हैया को लगातार वाट्सऐप कॉल पर धमकियां मिलती रहीं, उसकी भी थाने में शिकायत की गई। इस पर पुलिस ने कहा- ‘समझौता हो गया है, अपना ध्यान रखो, कुछ लगे तो बता देना।’
वहीं इस पूरे घटनाक्रम में लापरवाही बरतने के आरोप में भंवरलाल को मंगलवार को सस्पेंड कर दिया गया है। एक और पुलिसकर्मी की भूमिका की जांच की जा रही है। एडीजी लॉ एंड ऑर्डर हवा सिंह घुमरिया का कहना है कि पुलिस ने दोनों पक्षों को बुलाकर मामले में बातचीत की गई थी। साथ ही दोनों पक्षों से आश्वासन मिलने के बाद समझौता करा दिया गया। घुमरिया ने कहा कि अब पुलिस उन सभी लोगों को बुलाकर पूछताछ करेगी, जिनके सामने समझौता हुआ था कि जब बात हो गई थी तो ऐसी घटना क्यों घटी?
इधर धानमंडी थाने के एसएचओ अब भी इस मामले में कन्हैया की शिकायत से इनकार कर रहे हैं। धानमंडी थानाधिकारी गोविंद राजपुरोहित ने कहा कि धोली बावड़ी के लड़के की शिकायत पर कन्हैया को गिरफ्तार किया गया था। ऐसी कोई शिकायत हमारे पास नहीं आई थी।
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