उत्तराखंड में बरसी आफत की बारिश, तोड़ा दस सालों का रिकॉर्ड

 उत्तराखंड में बरसी आफत की बारिश, तोड़ा दस सालों का रिकॉर्ड

देहरादून। उत्तरराखंड में अक्टूरबर की बारिश ने पिछले दस वर्षों का रिकार्ड तोड़ दिया है। भारी बारिश के कारण पहाड़ से लेकर मैदान तक नदियां ऊफान पर है। बीते 48 घंटे से लगातार हो रही बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। सड़कों से लेकर गलियों व खेत तालाब में तब्दील हो गए हैं। पहाड़ों में कई जगहों का संपर्क जहां देश-दुनिया से कट गया है, वहीं भूस्खीलन के कारण कई लोगों की मौत हो गई है, कई मकान मलबे की चपेट में आकर जमींदोज हो गए हैं। पहाड़ के कई मार्ग मलबा आने के कारण बंद हो गए हैं। संचार व्यटवस्थाो ध्व।स्तप हो गई है।
मंगलवार की सुबह गोला नदी का जलस्तर 90 हजार क्यूसेक पार हो गया। जिससे हल्द्वानी में नदी पर बना अप्रोच पुल टूट गया है। जिसके कारण वहां आवाजाही बंद हो गई है। वहीं काठगोदाम रेलवे स्टेअशन की पटरियां गौला नदी में बह गई हैं। जिस कारण ट्रेनों का संचालन निरस्ता कर दिया गया है। नदी का जलस्तर बढ़ने से गोला बैराज में खतरा बढ़ गया है। उधर कोसी नदी में पानी बढ़ने से रामनगर के गर्जिया मंदिर को खतरा पैदा हो गया। पानी मंदिर की सीढ़ियों तक पहुंच गया है। वहीं बैराज के सभी फाटक खोल दिए गए हैं। कोसी बैराज पर कोसी नदी का जलस्तर 139000 क्यूसेक है। जो खतरे के निशान से काफी ऊपर है। कोसी बैराज में खतरे का निशान 80000 क्यूसेक है। वहीं रामनगर के एक रिसॉर्ट में पानी घुस गया है। बताया जा रहा है रिसॉर्ट के अंदर करीब सौ लोग फंसे हैं। नैनीताल में झील का पानी आवरफ्लो होकर हल्द्वाहनी रोड़ पर बह रहा है। लोग दहशत में घरों में कैद हैं। उधर टनकपुर में शारदा नदी के उफान से क्रशर मार्ग नाले में बदल गया है।
पहाड़ों की बारिश के बाद हरिद्वार में गंगा खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। सुबह साढ़े आठ बजे से पानी के जलस्तर में बढ़ोतरी हुई है। जिसके बाद से प्रशासन अर्लट मोड पर है। क्षेत्र में भी अलर्ट जारी किया गया है। उधर ऋषिकेश में गंगा खतरे के निशान से महज 20 सेंटीमीटर नीचे बह रही है। त्रिवेणी घाट के आरती स्थल समेत परमार्थ घाट, नाव घाट, शत्रुघ्न घाट आदि घाट पानी में डूब गए हैं। प्रशासन तटीय क्षेत्रों में रह रहे लोगों को आश्रय स्थलों में शिफ्ट कर रहा है। ऋषिकेश में गंगा का जलस्तर 340.30 मीटर पर पहुंच गया है। गंगा चेतावनी निशान 340.50 मीटर के बिल्कुल करीब पहुंच गई है। केंद्रीय जल आयोग ने मैदानी जिलों के प्रशासन अलर्ट कर दिया है। पुलिस गंगा के तटीय क्षेत्र में रहने वाले लोगों को लगातार अलर्ट कर रही है। वहीं चंद्रेश्वर नगर, मायाकुंड, चंद्रभागा के आसपास रहने वाले लोगों को शिफ्ट किया जा रहा है। उधर ऊंची चोटियों पर बर्फबारी जारी है। केदारनाथ में बारिश के साथ ऊपरी पहाड़ियों पर बर्फबारी हो रही है। वहीं, यमुनोत्री धाम सहित यमुना घाटी की पहाडियां कोहरे से ढकी हुई हैं। इस बीच राहत की बात है कि आज बारिश की तीव्रता कम रहेगी। राजधानी देहरादून समेत पहाड़ों की रानी मसूरी मे चटक धूप खिली है। वहीं मौसम विज्ञानी बिक्रम सिंह ने बताया कि कुमाऊं के अधिकांश स्थानों पर मंगलवार को भी हल्की से मध्यम बारिश होगी। पर्वतीय क्षेत्रों में कहीं कहीं पर भारी बारिश हो सकती है। 3500 मीटर की ऊंची चोटियों पर हिमपात हो सकता है।

Khabri Bhula

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