योगी से भेंट के बाद बोले धामी, सुलझ गया यूपी-उत्तराखंड का 21 साल पुराना विवाद!
बदलाव की बयार
- उत्तराखंड के सीएम ने कहा, यूपी-उत्तराखंड के बीच छोटे-बड़े भाई जैसा रिश्ता
- योगी ने विवादों के निपटारे पर दी सहमति, दोनों राज्य करेंगे ज्वाइंट सर्वे
देहरादून/लखनऊ। आज गुरुवार को लखनऊ में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी के बीच मुलाकात हुई। दोनों नेताओं के बीच करीब 30 मिनट की मुलाकात हुई। इसके बाद दोनों मुख्यमंत्री और प्रदेश के अधिकारियों के बीच 5 कालिदास मार्ग स्थित सीएम आवास पर बैठक हुई।
बैठक के बाद पुष्कर सिंह धामी ने दावा किया दोनों राज्यों के बीच 21 साल पुराना विवाद सुलझ गया है।धामी ने बातचीत में कहा, ‘यूपी-उत्तराखंड के बीच छोटे-बड़े भाई जैसा रिश्ता है। योगी जी ने बहुत सहृदयता के साथ धरातल की वास्तविकता को ध्यान में रखते हुए विवादों के निपटारे पर अपनी सहमति दी। दोनों राज्यों का ज्वाइंट सर्वे होगा। इसके बाद यूपी के काम की सारी जमीनें, जिनमें 1700 मकान भी शामिल हैं, यूपी सरकार को सौंप दी जाएगी। इसके साथ ही जर्जर हुए उत्तराखंड के दो बैराज (बनबसा और किच्छा) का पुनर्निर्माण यूपी सरकार कराएगी और उत्तराखंड परिवहन निगम को 205 करोड़ रुपये का भुगतान करेगी।’
सूत्रों के अनुसार दोनों राज्यों के सीएम के बीच हुई बैठक का मुख्य एजेंडा संपत्ति बंटवारे के मुद्दे पर चर्चा करना था। हरिद्वार, उधम सिंह नगर और चंपावत जिलों की संपत्ति पर बातचीत केंद्रित रही। दोनों प्रदेशों का उद्देश्य जल्द से जल्द मुद्दे का निपटारा करना है। कुछ महत्वपूर्ण फैसले लिए जाने हैं। गौरतलब है कि नवंबर 2000 में उत्तराखंड के अलग होने के बाद यूपी का जमीन और नहर समेत ऐसी कई संपत्तियों पर स्वामित्व जारी था, जो इस हिमालयन राज्य में आते हैं। हालांकि 2017 में योगी सरकार बनने के बाद इस मुद्दे पर कुछ सुधार हुआ है। योगी ने हिमालयी राज्य के सिंचाई विभाग को 37 नहरों का स्वामित्व सौंप दिया था। बाद में यूपी सरकार ने हरिद्वार के अलकनंदा होटल की ओनरशिप भी उत्तराखंड को सौंप दी थी। अब दोनों मुख्यमंत्रियों की बैठक से इस मामले का पटाक्षेप होने की खबर आई है।