चारधाम यात्रा हुई बेरोकटोक : अब जितने चाहें, उतने आयें तीर्थयात्री!
- तीर्थयात्रियों की संख्या को लेकर नैनीताल हाईकोर्ट ने दी बड़ी राहत
नैनीताल। चारधाम यात्रा के लिए तीर्थयात्रियों की संख्या को लेकर नैनीताल हाईकोर्ट ने बड़ी राहत दी है। अब चारधाम यात्रा पर जितने चाहें, उतने तीर्थयात्री आ सकेंगे।
हाइकोर्ट में आज मंगलवार को चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ाने के मामले में सुनवाई हुई। इस दौरान अदालत ने चारधाम में तीर्थयात्रियों की संख्या को लेकर यह फैसला सुनाया। गौरतलब है कि चारधाम यात्रा के लिए तीर्थयात्रियों की संख्या बढ़ाने को लेकर हाल ही में सरकार ने हाईकोर्ट में प्रार्थनापत्र दाखिल किया था। इसके बाद सोमवार को महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर और मुख्य स्थायी अधिवक्ता चंद्रशेखर रावत ने कोर्ट में इस प्रकरण पर शीघ्र सुनवाई के लिए प्रार्थना की थी।
महाधिवक्ता ने कोर्ट में कहा था कि चारधाम यात्रा समाप्त होने में 40 दिन से कम का समय बचा है। इसलिए जितने भी श्रद्धालु वहां आ रहे हैं, उन्हें दर्शन करने की अनुमति दी जाए। जो श्रद्धालु ऑनलाइन दर्शन करने के लिए रजिस्ट्रेशन करा रहे हैं, वे नहीं आ रहे हैं। इससे स्थानीय लोगों के सामने रोजी-रोजी का संकट खड़ा हो गया है।
केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री धाम की 15 अक्टूबर से आगे की यात्रा के लिए छह अक्तूबर यानी बुधवार से पंजीकरण किया जा सकेगा। नवरात्रों के चलते चारों धामों में 15 अक्टूबर तक पंजीकरण फुल हैं। लगभग 70 हजार यात्रियों ने पंजीकरण कराया है।चारधाम यात्रा के लिए बाहरी राज्यों से आने वाले यात्रियों को अब स्मार्ट सिटी पोर्टल पर अलग से पंजीकरण नहीं करना पड़ेगा। यात्रियों की सुविधा के लिए सरकार ने इस व्यवस्था में छूट दी है। हालांकि ई-पास के उन्हें देवस्थानम बोर्ड की वेबसाइट www.devasthanam.uk.gov.in व www.badrinath-kedarnath.gov.in पर अनिवार्य रूप से पंजीकरण होगा। जबकि पूर्व में हाईकोर्ट ने केदारनाथ धाम के लिए प्रतिदिन 800, बदरीनाथ धाम के लिए 1000, गंगोत्री के लिए 600, यमुनोत्री के लिए 400 श्रद्धालुओं की ही अनुमति दी थी।