चारधाम यात्रा का लेकर श्रद्धालुओं में क्रेज, अब तक इतने लाख लोगों ने कराया रजिस्ट्रेशन

 चारधाम यात्रा का लेकर श्रद्धालुओं में क्रेज, अब तक इतने लाख लोगों ने कराया रजिस्ट्रेशन

देहरादून। उत्तराखंड में चारधाम यात्रा शुरू होने की तारीखों का ऐलान हो चुका है। तो वहीं इस बार चार धाम यात्रा के लिए लोगों में क्रेज बढ़ता ही जा रहा है। हर दिन लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं के रजिस्ट्रेशन हो रहे है। पिछले एक हफ्ते में ही 14 लाख से ज्यादा लोगों ने चार धाम यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है। चारधाम यात्रा के लिए ऑनलाइन पंजीकरण में तेजी बरकरार है।

यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए 15 अप्रैल से पंजीकरण शुरू किया गया। अभी तक 14.89 लाख श्रद्धालुओं ने पंजीकरण किया है। इसमें गंगोत्री धाम के लिए 27,3691, यमुनोत्री 2,49,864, केदारनाथ 5,12,976, बदरीनाथ 4,29,949 और हेमकुंड साहिब के लिए 22,961 पंजीकरण हो चुके हैं।

पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में काफी वृद्धि होगी। जिस तरह यात्री अपना पंजीकरण करा रहे हैं और यात्रा शुरू होने से पहले ही जीएमवीएन के गेस्ट हाउस की बुकिंग हो रही है, उसे देखकर यह संभावना है कि यात्रा पिछले वर्ष के 56.31 लाख यात्रियों के रिकार्ड को तोड़ देगी। उन्होंने बताया कि अभी तक यात्रा मार्गों पर स्थित जीएमवीएन के गेस्ट हाउस के लिए 8.25 करोड़ रुपये की बुकिंग हो चुकी है।

पर्यटन मंत्री महाराज ने बताया कि चारधाम यात्रा के दृष्टिगत एक राज्य स्तरीय कंट्रोल रूम की स्थापना देहरादून स्थित उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद मुख्यालय में की गई है। यह कंट्रोल रूम पूरे यात्राकाल के दौरान संचालित रहेगा। उन्होंने कहा कि पर्यटकों व यात्रियों को दर्शन के दौरान लंबी कतारों एवं अधिक समय तक प्रतीक्षा न करनी पड़े, इसके लिए चारधाम यात्रा में धामों के दर्शन के लिए स्लाट व टोकन की व्यवस्था की गई है।

इनके सत्यापन की व्यवस्था के लिए पर्यटन विभाग के अधिकारियों का स्थल चिह्नीकरण के लिए निरीक्षण किया जाना प्रस्तावित है। इस व्यवस्था के लागू होने पर किसी भी यात्री को कतार में एक घंटे से अधिक का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। यात्रा के लिए उपनल और पीआरडी के माध्यम से 115 सहायता मित्रों की तैनाती की जा रही है। यात्रा मार्ग पर सफाई की विशेष व्यवस्था है। साथ ही यहां विभिन्न स्थलों पर शौचालय भी संचालित किए जा रहे हैं।

Khabri Bhula

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