चमोली : भू-धंसाव से मकानों में पड़ीं बड़ी-बड़ी दरारें, 70 भवनों पर मंडरा रहा खतरा
चमोली। उत्तराखंड प्राकृतिक आपदा की मार से जूझ रहा है। वहीं चमोली में बारिश के कारण भूस्खलन क्षेत्र के बाशिंदों की रात की नींद उड़ गई है। यहां आपदा प्रभावित परिवार रातभर सो नहीं पा रहे हैं। दो दिनों से हो रही बारिश से लोगों को भूस्खलन का डर सता रहा है। लोगों का कहना है कि शासन-प्रशासन की ओर से भूस्खलन के ट्रीटमेंट पर कोई ध्यान कार्रवाई नहीं की जा रही है। इससे यहां भूस्खलन बढ़ता ही जा रहा है।
बता दे कि हल्दापानी के विकासनगर मोहल्ले में हो रहे भूस्खलन के ट्रीटमेंट के लिए बीते वर्ष नवंबर में 30 करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत की, लेकिन अभी तक भी यहां कार्य शुरु नहीं हो पाया है। आपदा प्रभावित अनीता रतूड़ी ने कहा कि तहसील और राजस्व विभाग के अधिकारी कई बार भूस्खलन क्षेत्र का दौरा कर चुके हैं, लेकिन अभी भी यहां सुधारीकरण कार्य शुरू नहीं हुआ। अब कुछ ही महीनों में बरसात शुरू हो जाएगी, भूस्खलन से आंगन पूरी तरह से ध्वस्त पड़ा है, जिससे यहां रहने में भी डर लग रहा है।
प्रभावित सुरेंद्र सिंह भंडारी का कहना है कि लगातार भूस्खलन होने से कई मकान रहने लायक नहीं हैं। प्रशासन की ओर से क्षति का मुआवजा भी नहीं दिया है। बारिश होने पर रातभर सो नहीं पा रहे हैं।