पत्रकारों की सात सूत्री मांगों पर सीएम धामी की सहमति

 पत्रकारों की सात सूत्री मांगों पर सीएम धामी की सहमति
  • मुख्यमंत्री बोले- पत्रकारों के हित नहीं होने दिये जायेंगे प्रभावित, सचिव सूचना क़ो दिये दिशा-निर्देश

देहरादून। आज गुरुवार को उत्तराखंड में सूचीबद्ध न्यूज पोर्टल पत्रकारों ने वरिष्ठ पत्रकार मनोज इष्टवाल के नेतृत्व में सचिवालय में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात कर पोर्टल पत्रकारों की समस्या से अवगत कराया। इस दौरान सचिव सूचना अभिनव कुमार, महानिदेशक सूचना रणवीर सिंह चौहान सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे। इस मुलाकात में पत्रकार हितों से जुड़ी 7 सूत्री मांगों पर चर्चा हुई।
मुख्यमंत्री ने सभी मांगों पर सहमति जताते हुए सचिव  सूचना अभिनव कुमार क़ो मांग-पत्र अग्रसरित कर पत्रकारों की 7 सूत्री मांगों पर जल्द कार्रवाई के निर्देश दिए। धामी ने कहा न्यूज पोर्टल पत्रकारों के हितों को किसी भी प्रकार से प्रभावित नहीं होने दिया जायेगा। इसको लेकर जल्द एक बेहतर नीति बनाई जायेगी। राज्य में कार्य कर रहे न्यूज पोर्टल पत्रकारों को प्राथमिकता दी जायेगी। धामी ने राज्य में जीएसटी देने वालों को प्राथमिकता देने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया।

वरिष्ठ पत्रकार अरुण शर्मा ने पत्रकारों की विभिन्न मुद्दों क़ो धामी के समक्ष रखते हुए कहा कि विश्व भर में जिस तरह तेजी से सोशल मीडिया का ट्रेंड बहुत व्यापकता के साथ प्रचारित प्रसारित हो रहा है, उस सब से हमारा प्रदेश भी अछूता नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर विभिन्न मुख्यमंत्रियों ने न्यूज़ पोर्टलों की महत्ता क़ो स्वीकार किया है।
वरिष्ठ पत्रकार मनोज इष्टवाल ने कहा कि सूचना विभाग हर न्यूज़ पोर्टल की मॉनिटरिंग करे। ताकि यह साबित हो सके कि वे सरकार की विकास योजनाओं क़ो बतौर पत्रकार कितनी प्राथमिकता के साथ उठा  रहे हैं। साथ ही ज़ब भी न्यूज़ पोर्टल क़ो लेकर कोई पॉलिसी बने तो उसमें कम से कम हर संगठन से एक पत्रकार क़ो शामिल कर उसकी रूप रेखा पर विचार किया जाये।

वरिष्ठ पत्रकार पंकज पंवार सहित अन्य पत्रकारों ने भी  पत्रकारों के हितों व प्रदेश की विकास योजनाओं पर परिचर्चा की। साथ ही मुख्यमंत्री से पत्रकारों की मांगों पर शीघ्र कार्रवाई की बात कही। पत्रकारों ने 7 सूत्री मांग पत्र मुख्यमंत्री क़ो सौंपा। प्रतिनिधि मंडल में वरिष्ठ पत्रकार चंदन एस कैंतुरा, रतन नेगी, सोनू कुमार, डॉ. बीपी बलोदी, रजनीश सैनी, राकेश बिजलवाण, घनश्याम जोशी, अजीत काम्बोज, आकाश गौड़, अमित अमोली, आशीष नेगी, रमन जायसवाल, अवधेश नौटियाल आदि मौजूद रहे।
ये हैं न्यूज पोर्टल पत्रकारों की 7 सूत्री मांगें
1-सूचना विभाग द्वारा टीवी चैनलों व समाचार पत्रों की भांति न्यूज पोर्टलों के लिए भी जल्द नीति का गठन कर ठेकेदारी प्रथा को बंद किया जाये। नीति बनाने वाली कमेटी में सुझाव देने के लिए हमारे संगठन के प्रतिनिधि को भी शामिल किया जाये।
2-सूचना विभाग द्वारा जब तक नीति का गठन नहीं होता और टेंडर प्रक्रिया जारी रहती है, ऐसे में विभाग द्वारा टीवी चैनलों व समाचार पत्रों की भांति विज्ञापन की न्यूनतम दर तय करके टेंडर प्रक्रिया सुचारु रखी जाये। पिछले टेंडरों में देखने में आया है कि कुछ लोग जानबूझकर इतनी कम दरें भरते हैं कि सरकार और पत्रकारों में टकराव हो। इसलिए न्यूज पोर्टलों की विभिन्न श्रेणियों के विज्ञापन की न्यूनतम दर टीवी चैनलों व समाचार पत्रों की भांति तय करने के बाद ही सूचना विभाग टेंडर प्रक्रिया शुरू करे।
3-जब तक नीति का गठन नहीं होता है, तब तक के लिए पूर्व में सूचीबद्ध किए गए न्यूज़ पोर्टलों को दोबारा टेंडर प्रक्रिया में शामिल करने के स्थान पर उन्हें पूर्व निर्धारित सूचीबद्धता में ही बनाये रखा जाये। टेंडर प्रक्रिया केवल नये न्यूज पोर्टलों को शामिल करने के लिए ही अपनाई जाये।
4उत्तराखंड में रहकर कार्य करने वाले न्यूज पोर्टलों को ही टेंडर प्रक्रिया में शामिल किया जाये। राज्य से बाहर के ऐसे न्यूज पोर्टलों को (जिनका वोटर आईडी कार्ड व अन्य दस्तावेज में पता प्रदेश से बाहर का हो) टेंडर प्रक्रिया में शामिल न किया जाये।  
5-सूचना विभाग द्वारा सभी श्रेणियों में सूचीबद्व न्यूज़ पोर्टलों को प्रत्येक माह सम्मानजनक राशि का विज्ञापन दिया जाये। विगत 6 माह में सूचीबद्व न्यूज पोर्टलों को विज्ञापन के नाम पर नाम मात्र की राशि देकर विभाग द्वारा महज खानापूर्ति की गई है।  
6-मुख्यमंत्री के क्रियाकलापों व जनहित से जुड़ी विभिन्न योजनाओं को लेकर स्पेशल आर्टिकल लिखने वाले न्यूज़ पोर्टलों को स्पेशल विज्ञापन की परिधि में सम्मिलित किया जाये। सामान्य विज्ञापनों के साथ समय-समय पर स्पेशल विज्ञापन जारी किये जायें।
7- सूचना विभाग में सूचीबद्व न्यूज़ पोर्टलों के संपादक को उनके पत्रकारिता अनुभव के आधार पर राज्य/जिला मान्यता की सुविधा प्रदान की जाये।
मुख्यमंत्री ने सभी 7 सूत्री महत्वपूर्ण बिंदुओं पर सूचना विभाग अधिकारियों को जल्द कार्रवाई के निर्देश दिये।

Khabri Bhula

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