उत्तराखंड : गुटबाजी के आरोप से बिफरे प्रीतम, बोले…!
- कहा- जांच में दोषी पाया गया तो दे दूंगा इस्तीफा, मेरा पास है विकल्प
देहरादून। प्रदेश कांग्रेस मे प्रीतम सिंह और हरीश रावत खेमे का सूपड़ा साफ होने से पार्टी नेताओं में हड़कंप मचा हुआ है। गुटबाजी के आरोप से आहत कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह ने एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि यदि विधानसभा में पार्टी गुटबाजी के कारण हारी है तो केंद्रीय नेतृत्व जांच कराए। अगर जांच में वह दोषी पाये जाते हैं तो वह विधायक पद से इस्तीफा दे देंगे। उन्हें सीधे तौर पर पार्टी आलाकमान को चेतावनी देते हुए कहा, ‘मेरे पास पास विकल्प है। चकराता की जनता ने मुझे चुनकर भेजा है। मैं उनके विधायक के रूप में काम कर रहा हूं।’
आज सोमवार को प्रदेश कांग्रेस के कद्दावर नेता प्रीतम से यह बयान दिया। इससे पहले वह रविवार देर सीएम पुष्कर सिंह धामी से मिले थे। हालांकि राजनीतिक और सार्वजनिक जीवन में रहने वाले लोग कभी अपनों से तो कभी विरोधियों से मिलते ही रहते हैं, लेकिन कुछ मुलाकातों की टाइमिंग ऐसी होती है जिससे फिजा में तरह-तरह सवाल तैरने लगते हैं और उनके मायने तलाश किए जाने लगते हैं।
रविवार देर शाम मुख्यमंत्री से मुलाकात से ठीक पहले कांग्रेस आला कमान ने प्रदेश अध्यक्ष, नेता और उपनेता प्रतिपक्ष के नामों का एलान किया था। जिस आशंका के चलते कांग्रेस आलाकमान एक माह से फैसला लेने में टालमटोल कर रहा था, वह सामने आते ही सच साबित हुई। प्रीतम खेमा यशपाल आर्य, भुवन कापड़ी, करण माहरा को तवज्जो देने से ही भड़क उठा। कई लोगों के इस्तीफों ने प्रीतम खेेमे की नाराजगी पर मुहर भी लगा दी। इसके ठीक बाद अप्रत्याशित रूप से प्रीतम सिंह ने मुख्यमंत्री पुष्कर धामी से मुलाकात करके कई तरह की चर्चाओं को जन्म दे दिया। हालांकि इस मुलाकात के बारे में प्रीतम और मुख्यमंत्री दोनों के करीबी लोगों का कहना है कि चर्चा राज्य के विकास और बेहतरी को लेकर हुई, लेकिन मुलाकात जिस हालात में हुई उसको लेकर सियासी पंडितों का मानना है कि पार्टी में अपनी रुसवाई से क्षुब्ध प्रीतम अपने और अपनों के लिए सियासी विकल्प तलाश रहे हैं। आने वाले दिनों में कांग्रेस में उठा पटक के आसार दिख रहे हैं।