उत्तराखंड: चमोली के नारायणबगड़ में बादल फटने से तबाही
- बीआरओ के मरीजों के 15 टेंट मलबे में दबे, भागकर बचाई जान
- कई दोपहिया वाहन और कार भी मलबे में दबे
- ग्रामीणों ने मजदूरों के बच्चों को अपने घरों में दी शरण
- जानमाल का नहीं हुआ नुकसान, सुबह से पूरे क्षे़त्र में बिजली गुल
- ऋषिकेश में चद्रभागा नदी उफान पर, कर्णप्रयाग-ग्वालदम हाईवे बंद
देहरादून। चमोली जिले के नारायणबगड़ में सोमवार सुबह करीब 4 बजे बादल बादल फटने तबाही मच गई। मलबे बीआरओ के मजदूरों के करीब 15 टेंट मलबे में दब गए हैं। मजदूरों ने टेंट से बाहर भागकर जान बचाई। जानमाल का कोई नुकसान नहीं हो पाया है। मलबे से कर्णप्रयाग-ग्वालदम हाईवे भी बंद हो गया है। मार्ग को खोलने का काम शुरू कर दिया गया है। मजदूरों के परिजनों और स्थानीय लोगों ने तत्परता दिखाते हुए सभी बच्चों और महिलाओं को सैलाब से बचा लिया। ये सभी मजदूर नेपाल और झारखंड के रहने वाले हैं। मलबे से कर्णप्रयाग-ग्वालदम हाईवे बंद हो गया है, जिसे खोलने के प्रयास जारी हैं। प्रत्यक्षदर्शी लोगों ने बताया कई दोपहिया वाहन व कार भी मलबे में दबे हुए हैं। प्रशासन मौके पर पहुंच गया है। बचाव व राहत के कार्य शुरू कर दिए गए हैं। मजदूरों और उनके बच्चों को गांव के लोगों ने अपने घरों में सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया है। बादल फटने की घटना से पूरे क्षेत्र के लोग खौफजदा हैं। जिले के आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदकिशोर जोशी के मुताबिक घटना में जानमाल का कोई नुकसान नहीं हुआ है। कर्णप्रयाग-ग्वालदम हाईवे को खोलने का काम शुरू कर दिया गया है। प्रशासन की टीम मौके पर पहुंच गई है। चार बजे सुबह से क्षेत्र में बिजली भी गुल हो गई है।
सोमवार की सुबह चंद्रभागा नदी का पानी दोनों किनारों को छूकर बह रहा है। ऋषिकेश बाजार से सटे पुल के नीचे वाले किनारे पर कई वाहन पानी में डूब गए हैं। वाहन स्वामी और चालक पानी के कम होने का इंतजार कर रहे हैं। चंद्रभागा नदी का जलस्तर बढ़ने चेक गंगा के जलस्तर में भी आर्थिक वृद्धि हुई है।