उत्तराखंड के सेब की ब्रांडिंग करने के लिए तीन दिवसीय इंटरनेशनल एप्पल फेस्टिवल 24 सितंबर से
- देश-दुनिया में ब्रांडिंग करने को होगा गहन मंथन
देहरादून। उत्तराखंड के सेब की ब्रांडिंग करने के लिए उद्यान विभाग 24 से 26 सितंबर तक देहरादून में तीन दिवसीय इंटरनेशनल एप्पल फेस्टिवल आयोजित करने जा रहा है। भले उत्तराखंड मंे सेब बड़े पैमाने पर उत्तपादन किए जाने लगा है। देश में तीसरे नम्बर पर भी आता है। लेकिन हिमाचाल और जम्मू सेब की प्रजाति को ही ज्यादा तव्वजू मिलती है। अब अपने राज्य के सेब की ब्रांडिंग पर प्रदेश सरकार ने विशेष ध्यान देने का मन बना रही है। कार्यशाला में विभिन्न राज्यों के अलावा अमेरिका, यूरोप समेत अन्य देशों में उत्पादित सेब प्रदर्शित किए जाएंगे। इस दौरान उत्तराखंडी सेब की देश-दुनिया में ब्रांडिंग कैसे हो, इसे लेकर गहन मंथन होगा। साथ ही सेब उत्पादकों को विपणन के गुर भी सिखाए जाएंगे।
उत्तराखंड में 25785 हेक्टेयर क्षेत्र में 58 हजार टन से अधिक सेब की पैदावार हो रही है। गुणवत्ता के मामले में भी यहां का सेब किसी से कमतर नहीं है। हर्षिल, आराकोट, मुनस्यारी का सेब अधिक रसीला होने के कारण यह अमेरिकन सेब को भी मात देता है। यह दिल्ली समेत अन्य राज्यों में भी लगातार पहुंच रहा है। इस सबके बावजूद उत्तराखंड के सेब के सामने पहचान का संकट बेहद कचोटने वाला है। हालांकि, राज्य गठन के बाद से ही सेब की ब्रांडिंग पर जोर दिया जा रहा है, लेकिन इसे लेकर सरकार, सेब उत्पादकों व उनके संगठनों की ओर से खास गंभीरता नजर नहीं आती।
उद्यान निदेशक डॉ. एचएस बावेजा के मुताबिक सेब की ब्रांडिंग के लिए विभाग और सेब उत्पादक दोनों को मिलकर कदम उठाने होंगे। अब इसे बेहद गंभीरता से लिया जा रहा है, ताकि पड़ोसी राज्य हिमाचल की भांति सेब यहां की आर्थिकी में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सके। साथ ही उसे नई पहचान भी मिल सके। उन्होंने बताया कि इंटरनेशनल एप्पल फेस्टिवल में ब्रांडिंग, पैकेजिंग, प्लांट मटीरियल जैसे विषयों पर विशेषज्ञों व सेब उत्पादकों के बीच विमर्श भी होगा। इसमें आने वाले सुझावों के आधार पर ब्रांडिंग के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएंगे। इसके साथ ही बदली परिस्थितियों में सेब के विपणन को क्या रणनीति होनी चाहिए, इस विषय पर भी चर्चा की जाएगी।