उत्तराखंड में कुदरत के कहर ने मचाई तबाही

 उत्तराखंड में कुदरत के कहर ने मचाई तबाही

हरिद्वार में गंगा खतरे के निशान से ऊपर बह रही

  • वार्निंग लेवल 293 मीटर, गंगा का जलस्तर 293.05 मीटर पहुंचा
  • रवासन नदी ने लिया रौद्र रूप, तोड़ा कई साल का रिकार्ड
  • मीठी बेरी के नवनिर्मित पुल की एप्रोच पर पड़ी दरार
  • गुर्जर बस्ती सहित कई गांवों में बरसात का पानी घुसा
  • प्रदेश में तीन दिन में औसतन 640 एमएम बारिश रिकार्ड दर्ज

देहरादून। उत्तराखंड में कुदरत के कहर ने चैतरफा हाहाकार मचा दिया है। प्रदेश में लगातार हो रही बारिश से धर्मनगरी हरिद्वार में गंगा खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। शनिवार सुबह से ही गंगा का जलस्तर 293.05 मीटर पर चल रहा है। जबकि वार्निंग लेवल 293 मीटर है। बैराज की क्षमता 294 मीटर है। निचले इलाकों में जलभराव हो गया है। उधर, लालढांग में भू-कटाव से बाढ़ का खतरा भी बढ़ गया है। धनोरी क्षेत्र में खेतों में पानी भर गया है।
लगातार हो रही बारिश से हरिद्वार जिले के लालढांग में श्यामपुर क्षेत्र में बाढ़ जैसे हालात बन सकते हैं। पिछले कई वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ते हुए रवासन नदी रवासन यूनिट के पहुंची समीप पहुंच गई है। इससे राजाजी टाइगर रिजर्व की रवासन रेंज को भी खतरा है। गुर्जर बस्ती सहित कई गांवों में बरसात का पानी घुस गया है। वहीं, क्षेत्र में हो रहे कटाव के कारण मीठी बेरी के नवनिर्मित पुल की एप्रोच पर दरार पड़ गई है। प्रदेश में बीते तीन दिनों में औसतन 640 एमएम बारिश रिकार्ड की गई। इसमें सर्वाधिक 464 एमएम देहरादून और इसके बाद 306 एमएम मसूरी में दर्ज की गई।

This image has an empty alt attribute; its file name is fs-fs-.jpg

24 घंटे में भारी बारिश के आसार, ऑरेंज अलर्ट जारी

राजधानी देहरादून सहित प्रदेश के अधिकांश इलाकों में तड़के से ही बारिश हो रही है। मौसम विभाग के मुताबिक अगले 24 घंटे में नैनीताल, चंपावत, बागेश्वर और पिथौरागढ़ जैसे जिलों में भारी बारिश की संभावना है। मौसम विभाग की ओर से इन जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट भी जारी किया गया है। वहीं, हरिद्वार, देहरादून, पौड़ी के कुछ स्थानों में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना जताई गई है। मौसम विज्ञानियों ने बारिश के साथ ही राज्य के कुछ इलाकों में आकाशीय बिजली गिरने की भी संभावना जताई है।

गंगोत्री हाइवे 40 मीटर व भवाली हाईवे 20 मीटर ध्वस्त

बारिश से भवाली-हल्द्वानी हाइवे दोगांव के समीप सड़क का 20 मीटर हिस्सा दरक कर खाई में समा गया है। जिससे सड़क पर बड़े वाहनों की आवाजाही पूरी तरह रोक दी गई है। वहीं ऋषिकेश और चम्बा के बीच गंगोत्री हाईवे का करीब 40 मीटर भाग ध्वस्त हो गया।

200 से ज्यादा सड़कें बंद

उत्तराखंड में लगातार हो रही बारिश के कारण भूस्खलन और भूधंसाव से पांच नेशनल हाईवे समेत कुल 200 से ज्यादा सड़कें बंद हैं। टिहरी जिला प्रशासन ने ऋषिकेश-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग 58 को तपोवन से मलेथा तक आवागमन के लिए बंद कर दिया है। पहाड़ियों से लगातार पत्थर और बोल्डर गिरने से पर्वतीय क्षेत्रों की यात्रा खतरनाक बनी हुई है।
शुक्रवार रात तक की लोनिवि की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार, प्रदेश में पांच नेशनल हाईवे, 15 स्टेट हाईवे, सात जिला मार्ग, 13 अन्य जिला मार्ग, 90 ग्रामीण सड़कें (सीविल) और 89 ग्रामीण सड़कें बाधित हैं। लोनिवि, बीआरओ और दूसरी एजेंसियों की ओर से सड़कों को खोलने की कार्रवाई लगातार जारी है।

This image has an empty alt attribute; its file name is sf-rs.jpg

तीन घंटे बंद रहा कोटद्वार-दुगड्डा राजमार्ग ठप

कोटद्वार और आसपास के क्षेत्रों में बीती रात करीब दस बजे से रुक-रुककर बारिश हो रही है। बारिश के कारण क्षेत्र में नदियों का जलस्तर भी बढ़ गया है। भाबर क्षेत्र में सिगड़ी स्रोत का जलस्तर बढ़ने के कारण कई काश्तकारों की भूमि नदी की भेंट चढ़ गई है। बारिश के कारण कोटद्वार-दुगड्डा और दुगड्डा-गुमखाल के मध्य राष्ट्रीय राजमार्ग पर मलबा आ गया, जिस कारण राजमार्ग पर करीब तीन घंटे यातायात बाधित रहा।

Khabri Bhula

Related post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *