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उत्तराखंड: खालिद का आपराधिक इतिहास आया सामने, पेपर लीक जांच में दिल्ली तक जुड़े तार
देहरादून। पेपर लीक मामले में सीबीआई में दर्ज किए गए केस में चार आरोपी नामजद और अन्य अज्ञात का जिक्र किया गया है। नामजद आरोपियों में सबसे पहले अमरोड़ा डिग्री कॉलेज प्रतापनगर टिहरी गढ़वाल की असिस्टेंट प्रोफेसर सुमन, इसके बाद परीक्षा में बैठे खालिद, उसकी बहन साबिया, हिना और फिर अन्य अज्ञात आरोपी शामिल हैं।
Uksssc पेपर लीक की लगभग एक महीने की जांच में दून एसआईटी ने मुख्य आरोपी खालिद मलिक का आपराधिक रिकॉर्ड खोज निकाला। विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक, खालिद के खिलाफ मेरठ में साल 2023 में नकल का मुकदमा दर्ज है, हालांकि यूपी पुलिस को उसका अता-पता अभी तक नहीं मिला था। अब दून एसआईटी की सूचना पर मेरठ पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी की कानूनी कार्यवाही शुरू कर दी है।
एसआईटी ने जांच के दौरान एक बड़े नेटवर्क तक भी पहुँच बनाई है, जिसके तार मेरठ और दिल्ली तक जुड़े हुए हैं। इस मामले में जुटाई गई पूरी जानकारी और दस्तावेज मंगलवार को सीबीआई को सौंप दिए गए हैं। अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही सीबीआई इस पूरे नेटवर्क को ध्वस्त करने की कार्रवाई कर सकती है और मामले में और गिरफ्तारियां भी हो सकती हैं।
एसआईटी की अल्पावधि जांच में यह भी खुलासा हुआ कि खालिद और साबिया की गिरफ्तारी का विवरण सीबीआई को सौंपा गया है। सर्च वारंट के दौरान खालिद के घर से किसी प्रकार की पाठ्य सामग्री नहीं मिली, जिससे शक और बढ़ गया। दस्तावेजों की जांच में पता चला कि खालिद ने 2023 से 2025 तक कुल नौ प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए आवेदन किया, जिनमें से पाँच परीक्षाओं में वह सम्मिलित नहीं हुआ और कुछ परीक्षाओं की शैक्षिक योग्यताओं को भी वह पूरा नहीं करता था।
