सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, हल्द्वानी अतिक्रमण मामले पर हाईकोर्ट के निर्णय पर रोक
हल्द्वानी। रेलवे की जमीन ‘अतिक्रमण’ मामले में सुप्रीम कोर्ट ने नैनीताल कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी है। शीर्ष न्यायाल ने राज्य सरकार और रेलवे को इस मामले में नोटिस जारी किया है। न्यायालय ने राज्य सरकार से पूछा कि इन लोगों के प्रतिस्थापन को लेकर उनकी क्या तैयारी है? इसके साथ ही कोर्ट ने कहा, ‘7 दिनों के अंदर जमीन खाली करवाना मानवीय मुद्दा नहीं है।
अब सात फरवरी तक अतिक्रमण नहीं हटाया जाएगा। मामले में अगली सुनवाई सात फरवरी को होगी। अब हल्द्वानी में बुलडोजर नहीं चलेगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एक हफ्ते में लोगों का हटाना उचित नहीं है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश से लोगों को बड़ी राहत मिली है।
बता दे कि नैनीताल जिले के हल्द्वानी में रेलवे की भूमि पर करीब चार हजार से ज्यादा घर बने हुए है। जिन्हें हटाने के लिए रेलवे ने उत्तराखंड हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने अपने आदेश में रेलवे को इन घरों को खाली कराने का आदेश दिया था। रेलवे ने उत्तराखंड हाईकोर्ट के आदेश पर अतिक्रणकारियों को सार्वजनिक नोटिस जारी किया था। इसमें हल्द्वानी रेलवे स्टेशन से 2.19 किमी दूर तक अतिक्रमण हटाया जाना है। खुद अतिक्रमण हाटने के लिए सात दिन का समय दिया गया था।
रेलवे की तरफ से जारी नोटिस में कहा गया था कि हल्द्वानी रेलवे स्टेशन 82.900 किमी से 87.710 किमी के बीच रेलवे की भूमि पर सभी अनाधिकृत कब्जों को तोड़ा जाएगा। सात दिन के अंदिर अतिक्रमकारी खुद अपना कब्जा हटा लें, वरना हाईकोर्ट के आदेशानुसार अतिक्रमण को तोड़ा दिया जाएगा। हाईकोर्ट के इस आदेश को बीते सोमवार दो जनवरी को हल्द्वानी के शराफत खान समेत 11 लोगों की याचिका को वरिष्ठ वकील अधिवक्तता सलमान खुर्शीद की ओर से दाखिल की गई थी। जिस पर आज पांच जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की और उत्तराखंड हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी।