UKSSSC पेपर लीक मामले में नकल कर चयनित अभ्यर्थियों पर दर्ज होगा केस
देहरादून। उत्तराखंड अधीनस्थ चयन सेवा आयोग पेपर लीक मामला जहां सरकार के लिए सिर दर्द बना हुआ है। वहीं, यूकेएसएसएससी परीक्षा पास अभ्यर्थियों को अब एग्जाम रद्द होने का डर सताने लगा है। हर दिन यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामले में नये नाम और कनेक्शन जुड़ रहे हैं। अभी तक 19 लोगों की गिरफ्तार हो चुकी है। जिसकी वजह से यूकेएसएसएससी स्नातक परीक्षा परिणाम में अपनी मेरिट पर चयनित अभ्यर्थियों को अब एग्जाम निरस्त होने का डर सता रहा है। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की स्नातक स्तरीय परीक्षा घपले में करीब एक तिहाई युवाओं के लीक पेपर से पास होने के संकेत मिले है। इसमे करीब सवा सौ युवाओं की पूरी कुंडली एसटीएफ खंगाल चुकी है। जबकि, बाकी चयनितों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है।
एसटीएफ की जांच में सामने आया कि युवाओं से 12 से 15 लाख रुपये में पेपर उपलब्ध कराने की डील की गई थी। सूत्रों के मुताबिक, 280 से ज्यादा युवाओं तक लीक पेपर के प्रश्न पहुंचे। 200 के करीब युवाओं ने सीधे तौर पर पास होने की डील कर पेपर खरीदा। जबकि कुछ ने अपने करीबियों को 30-35 तक प्रश्न बताए। संभावना है कि इस घपले में 20 करोड़ रुपये से ज्यादा का लेनदेन हुआ।
यूकेएसएसएससी 2021 स्नातक परीक्षा पास अभ्यर्थियों ने कहा कि अगर यह परीक्षा सरकार निरस्त करती है तो 2015 से विवादों में रही एलटीटी, वीडीओ, वन दारोगा, समीक्षा अधिकारी जैसे सभी परीक्षाओं को निरस्त करना होगा। अगर ऐसा होता है तो तभी उनको इस बात की संतुष्टि होगी कि आखिर उनकी मेहनत भी औरों की तरह विफल हुई।
वहीं मंगलवार को उत्तराखंड के एक विधायक और उनके परिवार के लोगों के भी इस भर्ती घपले में शामिल होने की चर्चा रही। कहा जा रहा है कि विधायक के परिवार से जुड़े एक सदस्य का भी चयन हुआ है। हालांकि, एसटीएफ के एसएसपी ने ऐसी किसी जानकारी से इनकार किया है।
बता दें कि यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामले में अभी तक एसटीएफ ने कार्रवाई करते हुए 19 लोगों को जेल भेज चुकी है। जबकि 50 से अधिक ऐसे नकलची अभ्यर्थी का सत्यापन हो चुका है, जो पैसों के दम पर परीक्षा में उत्तीर्ण होकर मेरिट में चयनित हुए हैं। ऐसे में इस बात की भी चर्चा है कि अगर नकलचियों संख्या इसी तरह से बढ़ती है तो 2021 स्नातक परीक्षा निरस्त हो सकती है।